– पहली बार अधिकारिक रूप से अमेरिका में सन 1994 में माता-पिता को सम्मान देने वाले एक विधेयक पर हस्ताक्षर कर इसे राष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया

बीकानेर। भारत में नेशनल पेरेंट्स कब मानाया जाता है यह केवल 100 में से 3 लोगों को ही पता है। यह जानकारी नेशनल कॅरिअर काउन्सलर डाॅ. श्रीमाली के द्वारा किए गए सेम्पल सर्वे में ज्ञात हुआ। डाॅ. श्रीमाली ने आॅनलाइन सर्वे से ज्ञात किया कि भारत में नेशनल पेरेंट्स कब मनाया जाता है जिसका अधिकतर लोगों को जानकारी नहीं था वहीं केवल 3 लोगों ने बताया कि भारत में 26 जुलाई को पेरेंट्स के रूप में मनाया जा रहा है।

डाॅ. श्रीमाली ने बताया कि भारत और अमेरिका में जुलाई के अंतिम रविवार को नेशनल पेरेंट्स के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि सर्वे में महिला, पुरूष व छात्रों के विभिन्न वर्गो को शामिल किया गया था।

वहीं डाॅ. चन्द्रशेखर श्रीमाली ने आॅनलाइन संवाद के माध्यम से नेशनल पेरेंट्स डे पर अपने विचार रखते हुए कहा कि आधिकारिक रूप से परेंट्स डे की शुरुआत 1994 में अमेरिका में हुई। इस साल ही पहली बार जुलाई महीने के चैथे रविवार को पेरेंट्स डे मनाया गया। इसके बाद से हर साल राष्ट्रीय पेरेंट्स डे मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य माता-पिता के प्रति आभार और सम्मान प्रकट करना है।

उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी देशों में पेरेंट्स डे मनाया जाता है। हालांकि, इसे अलग-अलग तारीखों को मनाया जाता है। जहां भारत और अमेरिका में जुलाई महीने के चैथे रविवार को मनाया जाता है। वहीं, वियतनाम में 7 जुलाई को मनाया जाता है। फिलीपींस में दिसंबर महीने के पहले सोमवार को मनाया जाता है। जबकि कई देशों में इसे जून महीने में मनाया जाता है।

आॅनलाईन सेमिनार समन्वयक डाॅ. शशि वर्मा ने पेरेंट्स डे का महत्व बताते हुए कहा कि माता-पिता को ईश्वर का दर्जा दिया गया है। मां ममता की सागर है तो पिता खुशियों का भंडार हैं जो अपने बच्चे की निःस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं। माता-पिता के अथक परिश्रम से बच्चे का लालन-पालन होता है। शायद इसलिए उन्हें ईश्वर कहा गया है। इस दिन का विशेष महत्व है। पेरेंट्स डे के दिन पूरी दुनिया में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के चलते इस साल हम लोग आॅनलाइन के माध्यम से आयोजित कर रहे है इसी के अंतर्गत यह आॅनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया है जिसमें मुख्य वक्ता नेशनल कॅरिअर कान्सउलर श्रीमाली के साथ समाज के विभिन्न वर्गो लोगों ने भागीदारी की उन सभी का स्वागत व धन्यवाद ज्ञापित करती हु।