-अर्जन से बड़ा विसर्जन को माना गया है ।समाज का यह दायित्व है कि वह भामाशाह का सम्मान करें : सारस्वत

बीकानेर/ मुक्ति संस्था के तत्वावधान में भामाशाह सम्मान समारोह के अंतर्गत पोकरमल गोयल परिवार के प्रमुख भामाशाह सुरेश गोयल का शनिवार को नागरिक अभिनंदन समारोह स्थानीय होटल गौरव स्टेशन रोड के सभागार में किया गया। भामाशाह सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि प्रख्यात शिक्षाविद एवं राज्य शिक्षा नीति के सदस्य ओमप्रकाश सारस्वत थे तथा अध्यक्षता सखा संगम के अध्यक्ष एन .डी. रंगा ने की। समारोह के विशिष्ट अतिथि व्यंगकार-सम्पादक डॉ. अजय जोशी रहे ।
समारोह के संयोजक कवि- कथाकार एवं मुक्ति संस्था के सचिव राजेन्द्र जोशी ने गोयल परिवार एवं सुरेश गोयल के व्यक्तित्व- कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहां की कोरोना काल में गोयल परिवार द्वारा प्रतिदिन 4000 भोजन पैकेट जरूरतमंदों को वितरित किए जाते थे तथा जरूरतमंद बच्चों को कपड़े एवं भोजन नियमित रूप से वितरित किए जाते हैं ,इनके द्वारा साहित्य के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान रहा है ।
इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि सारस्वत ने कहा कि
भारतीय संस्कृति में अर्जन से बड़ा विसर्जन को माना गया है । व्यक्ति भुजबल से अर्जित कर उदार मन से परमार्थ कार्यों में धन लगाता है । परोपकार का भाव रखने वालों के उत्तम भाव के कारण उनके कोई अभाव नहीं रहता । उनके परिवार में समन्वय व अनुशासन बना रहता है । परिवार के वरिष्ठ सदस्य नीति निर्धारक एवं अन्य सदस्य आदर्श क्रियान्वयन में लगे रहते हैं । इससे यश, प्रतिष्ठा एवं बरकत का मार्ग प्रशस्त होता है । उनकी सामर्थ्य और बढ़ती है तथा वे गाँव,गाय व गरीब के हित में सहयोग करते रहते हैं । सारस्वत ने गीता के आखिरी सात सौवें श्लोक का दृष्टांत देते हुए नीति और क्रियान्विति सिद्धांत का विवेचन किया । उन्होंने भारतीय संस्कृति में परिवार चिंतन की इस अवधारणा के तहत पोकरमल राजरानी गोयल परिवार को एक आदर्श परिवार बताते हुए सुरेश गोयल को बधाई व शुभकामनाएं अर्पित कीं ।
भामाशाह का सम्मान परमपिता परमेश्वर की अराधना के बराबर है, उन्होंने कहा की गोयल परिवार सदैव जरूरतमंद लोगों की सेवा के लिए अग्रणी रहा है, सारस्वत ने कहा कि समाज का यह दायित्व है कि वह भामाशाह का सम्मान करें ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एन.डी. रंगा ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र में काम करते हुए जहां धन- मन एवं भाव की भी जरूरत होती है, उन्होंने कहा कि पोकरमल गोयल परिवार धन एवं भाव से सामाजिक सेवा में तत्पर रहा है।
समारोह के विशिष्ट अतिथि डॉ.अजय जोशी ने कहा की सामाजिक कार्यों में तो भामाशाह सदैव अग्रणी रहे हैं परंतु कला साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में और वह भी राजस्थानी भाषा मान्यता संकल्प यात्रा में बहुत कम भामाशाह आगे आते है जिसमें पोकरमल गोयल परिवार निरंतर राजस्थानी मान्यता आंदोलन का सहयोगी रहा है। प्रारंभ में वरिष्ठ साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने स्वागत भाषण करते हुए कहा की सुरेश गोयल एवं उनका पूरा परिवार बीकानेर में सदैव बढ़-चढ़कर सामाजिक कार्यों में आगे रहा है । कवि- संस्कृतिकर्मी चंद्रशेखर जोशी ने अभिनंदन पत्र का वाचन किया। इस अवसर पर महावीर इंटरनेशनल के पूर्व अध्यक्ष पूर्णचंद राखेचा, कल्याणमल सुथार, संजय कोचर सहित अनेक लोगों ने विचार व्यक्त किए। समारोह में अतिथियों ने सुरेश गोयल को अभिनंदन पत्र, शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर भामाशाह नागरिक अभिनंदन किया।
कार्यक्रम का संचालन मुक्ति संस्था के समन्वयक विष्णु शर्मा ने किया और आभार डॉ नरेश गोयल ने जताया।