-डॉ भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय का भवन लगभग तैयार, अब कराया शिलान्यास

जयपुर( हरीश गुप्ता )। डॉ भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ देवस्वरूप मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बड़े जादूगर निकले। उन्होंने विश्वविद्यालय का हाल ही में मुख्यमंत्री से शिलान्यास करवा लिया, जबकि भवन निर्माण लगभग पूरा होने वाला है।
गौरतलब है प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डॉ भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय के भवन का बीते 16 अक्टूबर को शिलान्यास किया। जिस समय शिलान्यास हुआ उस समय तक विश्वविद्यालय का भवन का निर्माण कार्य काफी कुछ पूरा हो चुका था।
सूत्रों की मानें तो साल की शुरुआत में अजमेर रोड स्थित महंलां में विश्वविद्यालय को आवंटित जमीन पर सबसे पहले चारदीवारी का काम शुरू हो गया था। उसे निर्माण कार्य के प्रथम चरण की संज्ञा दी गई थी और बाउंड्री निर्माण के साथ ही सफाई के लिए करीब 2 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया था। सूत्रों ने बताया कि अभी तक काफी कुछ निर्माण कार्य हो चुका है और करीब 100 करोड़ से अधिक खर्च हो चुके हैं। शिलान्यास के मामले में शैक्षणिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है, ‘शादी अभी हुई भी नहीं, 21वी सदी का नमूना पहले बाहर आ गया।’ कईयों ने तो यह तक कह दिया, ‘…डॉक्टर देव स्वरूप तो मुख्यमंत्री से बड़े ‘जादूगर’ निकले, उन्हें भी ‘सम्मोहित’ कर दिया?’ गौरतलब है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जादूगर माना जाता है।
सूत्रों की मानें तो चर्चाएं यह भी है, ‘आखिर डॉ देवस्वरूप कुलाधिपति कार्यालय को अपनी डिग्रियां क्यों नहीं सौंप रहे? ‘कुलाधिपति के पास सभी कुलपतियों का पूरा डाटा तो होना ही चाहिए।’
गौरतलब है राज्यपाल की ओर से इनकी डिग्रियों की जांच के लिए हाई पावर कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने 10 दिन में डिग्रियों के मामले में जवाब मांगा था, लेकिन डॉक्टर देवस्वरूप ने 2 महीने का समय मांगा है।
बोम की मीटिंग में भी खेल:
डॉ भीमराव अंबेडकर विधि विवि के कुलपति डॉ देवस्वरूप डिग्रियों के मामले में पहले से घिरे हुए हैं, उसके बाद भी बोम की मीटिंग में भी खेल करने से नहीं चूके। दर असल एडवोकेट डॉ अखिल शुक्ला ने राजस्थान के राज्यपाल व कुलाधिपति डॉ कलराज मिश्र को डॉ भीमराव अंबेडकर विधि विवि के कुलपति की अगुवाई में कुलपति चयन समिति में नियम विरुद्ध चुने गए सदस्य की शिकायत की थी। उक्त संदर्भ में कुलाधिपति कार्यालय की ओर से पत्र भेजकर कुलपति से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई। शिकायत सही पाए जाने पर विश्वविद्यालय की बोम की तत्काल मीटिंग बुलाकर परिवर्तन के आदेश दिए गए। इस पर विवि की ओर से 17 दिसंबर को बोम की ऑनलाइन स्पेशल मीटिंग बुलाई गई। मीटिंग में कुलपति ने कुलाधिपति कार्यालय के पत्र का हवाला देकर एजेंडा नंबर 1 में कुलपति चयन समिति द्वारा किए हुए रनवीर सिंह के स्थान पर अन्य का नाम तय करने का विवरण दिया। कुलपति ने इस स्पेशल मीटिंग में कुलपति चयन समिति के सदस्य चयन के अतिरिक्त अन्य एजेंडा भी जोड़ दिया, जिसका बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के अन्य सदस्यों ने विरोध किया और सिर्फ नंबर एक पर ही निर्णय किया गया। विवि बोम ने रनवीर सिंह की जगह महाराष्ट्र स्थित एनएलयू के कुलपति प्रो विजेंद्र कुमार का चयन किया। डॉ अखिल शुक्ला ने इस कार्रवाई के लिए कुलाधिपति का आभार जताया है।

छपते छपते….
हमने डॉ देव स्वरूप के मामले में सबसे पहले मुद्दा उठाया था, उनके कार्यकाल आऔर उनके डिग्रियां आदि को लेकर। हाल ही में 13 दिसंबर के अंक में ‘डिग्रियों का खेला पड़ रहा भारी’ शीर्षक से एक समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। जिसमें बताया गया था कि डिग्रियों को लेकर डॉक्टर देव स्वरूप पूरी तरह घिर चुके हैं और कभी भी रणछोर बन सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो डॉक्टर देव स्वरूप अपना इस्तीफा दे चुके हैं।