बीकानेर, । सिटिजन्स सोसाइटी फॉर एजुकेशन, राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर एवं जेएनवी विश्वविद्यालय के राजस्थानी शोध छात्र परिषद की ओर से हाल ही में साहित्य अकादेमी नई दिल्ली के राष्ट्रीय मुख्य पुरस्कार के रूप में चयन होने पर राजस्थानी के वरिष्ठ कवि कथाकार, नाटकार एवं आलोचक कमल रंगां का भव्य अभिनंदन पद्मश्री सीताराम लाळस के ‘‘ओळू उछब’’ जोधपुर में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थानी साहित्य के ख्यातनाम नाटककार कवि आलोचक डॉ. अर्जनदेव चारण ने की तो वहीं मुख्य अतिथि साहित्य अकादेमी नई दिल्ली में राजस्थानी के संयोजक एवं वरिष्ठ साहित्यकर एवं रचनाकार मधु आचार्य ‘‘आशावादी’’ थे एवं रंगा के भव्य-आत्मिक अभिनंदन के विशिष्ठ अतिथि राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार प्रो जहूर खाँ मेहर एवं वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. गजेसिंह राजपुरोहित ने की।
प्रज्ञालय के हरिनारायण आचार्य ने बताया कि भव्य अभिनंदन समारोह में कमल रंगा को साफा, शॉल, प्रतीक चिन्ह एवं माला क्रमशः समारोह के अतिथियों ने अर्पित किए। इसी के साथ जेएनवी विश्वविद्यालय के राजस्थानी शोध छात्र परिषद के सभी शोधार्थियों ने रंगा को माला अर्पित कर अभिनंदन किया। अभिनंदन की इस श्रृंखला मंे सिटिजन्स सोसाइटी फॉर एजुकेशन जोधपुर के किशन गोपाल जोशी के सान्निध्य में रंगा का अभिनंदन किया गया।
अभिनंदन समारोह में कमल रंगा की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार में चयनित पुस्तक ‘अलेखूं अंबा‘ जो कि महाभारत के चरित्रों को लेकर नारी विमर्श की महत्वपूर्ण कृति के बारे में भी चर्चा की गई। समारोह के अतिथियों ने रंगा को बधाई देते हुए चर्चित नाट्यकृति के बारे में अपनी बात कही। अतिथियों ने रंगा के राजस्थानी भाषा साहित्य के प्रति समर्पण को रेखांकित किया। अपने अभिनंदन के प्रतिउत्तर में कमल रंगा ने सभी आयोजकों ंऔर संस्थाओं का साधुवाद एवं आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि आपके द्वारा अभिनंदन करना सुखद है वहीं मेरे लिए एक सृजनात्मक चुनौती भी है। मैं जोधाणा के सभी कलानुशासनों, अतिथियों एवं शोध छात्रों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मुझे मिलने वाला पुरस्कार राजस्थानी भाषा की समृद्ध साहित्य परंपरा को समर्पित है। साथ ही पद्मश्री राजस्थानी पुरोधा डॉ. सीताराम लाळस के ओळू उछब पर मेरा सम्मान होना मेरे लिए प्रोत्साहन देने वाला एवं महत्वपूर्ण है।
इसी कड़ी में जोधपुर के साहित्यकार जुगल किशोर बोड़ा, प्रो. कौशल नाथ उपाध्याय, राजस्थानी रचनाकार वाजिद हसन काजी, प्रो. एमएल बढेरा, भंवरलाल सुथार, डॉ. कमलेश पुरोहित, डॉ सुषमा बिस्सा, संतोष चौधरी, डॉ पूजा राजपुरोहित, निर्मला राठौड़, मंजू शर्मा, डॉ राजेंद्र बारहठ, डॉ नरेंद्र सिंह लाळस, ओमप्रकाश उज्जवल, कालूराम प्रजापत, जनाब अशफाक अली, एमएस जई, रविशंकर आचार्य, हरिशंकर आचार्य, डॉ इंद्रदान चारण, डॉ कप्तान बोरावड़, डॉ जितेंद्र सिंह, डॉ मनोज सिंह, डॉ अमित गहलोत, जगदीश मेघवाल, कमलकिशोर, जीवराज सिंह जुड़िया, भीवसिंह राठौड़, सौरभ चारण, तेजाराम परिहार, देवीलाल गर्ग, कैलाशनदान लाळस, मोहनसिंह रत्नू, खेमकरण लाळस, प्रहलाद गोयल, नारायण सिंह तुलेदसर, दयावन्ती शर्मा, उषा छंगाणी, प्रमोद वैष्णव सहित अन्य गणमान्य एवं कला अनुशासन के लोगों ने कमल रंगा का माला एवं अन्य उपाहार आदि देकर अभिनंदन किया। भव्य अभिनंदन समारोह का संचालन जनाब जाहिद हसन काजी ने किया एवं सभी का आभार वरिष्ठ समाजसेवी एवं साहित्यानुरागी किशनगोपाल जोशी ने ज्ञापित किया।