बीकानेर।माता सावित्रीबाई फुले की जयंती पर मीरा धोरा पर भागीरथ नंदनी ब्लॉक में वृक्षारोपण किया गया भागीरथ नंदनी संस्था के अध्यक्ष मिलम गहलोत ने माता सावित्रीबाई फुले के जीवन के बारे में बताएं आज भारत में पिछड़ा अति पिछड़ा भारत की समस्त महिलाएं पढ़ी लिखी है तो उसके पीछे सबसे बड़ा किसी का योगदान है तो महात्मा फुले और माता सावित्रीबाई फुले का योगदान माता सावित्रीबाई फुले अखंड भारत की प्रथम शिक्षिका थी और पूरे जीवन भर वंचितों को शिक्षा दी स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया लोगों की सेवा करते करते ही अपने प्राण न्योछावर कर दिए ने बताया कि लोग सरकार ने करीब डेढ़ साल पहले एक घोषणा की थी कि सभी सरकारी स्कूलों के अंदर माता सावित्रीबाई फुले की और महात्मा फुले की मूर्ति या तस्वीर लगाई जाएगी वह हर जिले के अंदर एक सामान्य स्कूल को महात्मा फुले के नाम और एक बालिका स्कूल का नाम माता सावित्रीबाई फुले के नाम से रखा जाएगा और 3 जनवरी को शिक्षिका दिवस के रूप में मनाया जाएगा मगर वह आदेश अभी तक सरकारी कागजों में अटका हुआ है अगर यह शीघ्रता से लागू नहीं हुआ तो इसके लिए भी आंदोलन किए जाएंगे और इसकी पहल करते हुए महात्मा फुले जागृति मिशन संस्था सुजानदेसर सरकारी सीनियर स्कूल में 1 महीने के भीतर माता सावित्रीबाई फुले की मूर्ति स्थापित की जाएगी जिस किसी की तारीख की घोषणा करने वाले हैं स्कूल के अध्यापक मास्टर पप्पू राम ने बताया उसमें सभी जनप्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा और इतने महामानव और उनके कृतियों के बारे में भी सभी को बच्चों को बताया जाएगा ।