– कोरोना एलर्ट:कोरोना के मामलों में भारी उछाल, महाराष्ट्र में 12 हजार, दिल्ली में चार हजार, पश्चिम बंगाल में छह हजार मामले
भारत में कोरोना संक्रमण के मामले फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। ओमिक्रोन के मामलों में भी बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि, मामलों में बढ़ोतरी के लिए ओमिक्रोन वैरिएंट कितना जिम्मेदार है यह अभी कहना संभव नहीं है, क्योंकि नए वैरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग की जरूरत पड़ रही है और सभी संक्रमितों का जीनोम सीक्वेंसिंग करना बहुत कठिन काम है। परंतु, मृतकों की संख्या नियंत्रित रहने से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि ज्यादातर मामले ओमिक्रोन के ही मिल रहे हैं, भले ही आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हो रही हो। अभी तक के अध्ययन से यह साफ हुआ है कि ओमिक्रोन संक्रामक ज्यादा है घातक कम।जारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 4,099 नए मामले सामने आए। इसमें एक मरीज की मौत हुई। सक्रिय मामले 10,986 हैं और पॉजिटिविटी दर 6.46 प्रतिशत है। एक दिन पहले कोरोना के 3194 मामले आए थे। इसलिए 24 घंटे में नए मामले 28.33 प्रतिशत बढ़ गए हैं। वहीं तीन दिन में मामले दोगुने से ज्यादा हो रहे हैं।महाराष्ट्र में सोमवार को कोरोना के 12160 नए मामले सामने आए और 11 मौतें हुईं। सक्रिय मामले 52422 है। ओमिक्रोन केस 578 हैं, इनमें से 259 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं। इधर, मुंबई में कोरोना के 8082 नए मामले सामने आए और दो लोगों की मौत हुई है। 622 डिस्चार्ज हुए। सक्रिय मामले 37274 हैं।

– *ओमिक्रोन एलर्ट:भारत में ओमिक्रोन के संक्रमितों का आंकड़ा 19 सौ के पार, दिल्‍ली में 81 फीसद नमूनों में कोरोना का नया वैरिएंट*
भारत में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के संक्रमितों की संख्‍या तेजी से बढ़ रही है।देश में बड़ी संख्‍या में नए वैरिएंट के मामले सामने आए। एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक देश में ओमिक्रोन के संक्रमितों का आंकड़ा 17 सौ को पार कर गया है।देश में ओमिक्रोन के मामले बढ़कर 1,945 हो गए हैं। इनमें से 687 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं या अन्य स्थानों पर चले गए हैं। सोमवार को महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 68, राजस्थान में 53, केरल में 29, गुजरात में 16, कर्नाटक में 10, हरियाणा में आठ और गोवा में चार नए मामले मिले। ओमिक्रोन के मामले 23 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में सामने आ हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र, दिल्ली और बंगाल समेत देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं।

– *बंगाल में लगा आंशिक लाकडाउन, कई और राज्यों ने भी लागू की सख्त प्रतिबंध*
कोरोना के फिर से बढ़ते संक्रमण को लेकर राज्य सरकारें सतर्क हो गई हैं। बंगाल की ममता सरकार ने तो आंशिक लाकडाउन लगा दिया है। चुनाव आयोग ने सूबे में होने वाले निकाय चुनाव में रोड शो और रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। बिहार में सतर्कता और सख्ती दोनों बढ़ाने की तैयारी है। इसको लेकर मंगलवार को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक होगी, जिसके बाद नई गाइडलाइन जारी की जाएगी। मध्य प्रदेश और झारखंड ने भी पाबंदियां बढ़ा दी हैं।बंगाल में सभी शैक्षणिक संस्थानों के साथ चिडि़याघर व पर्यटन स्थलों और अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों को बंद कर दिया है। सभी सरकारी और निजी कार्यालयों में भी कर्मचारियों की उपस्थिति 50 प्रतिशत तक सीमित करने का निर्देश दिया गया है। लोकल ट्रेनें भी 50 प्रतिशत यात्री क्षमता के साथ रात 10 बजे तक ही चलेंगी।
मध्य प्रदेश के खजुराहो में नये साल का जश्न मनाने आई इटली की 43 वर्षीय एक महिला कोरोना संक्रमित पाई गई है। ऐसे में सूबे में बढ़ रहे संक्रमण के चलते ज्योतिर्लिग महाकाल मंदिर के गर्भगृह व नंदी मंडप में 10 जनवरी तक भक्तों का प्रवेश बंद कर दिया गया।

– *अलीगढ़ में तीन महिलाओं समेत आठ कोरोना संक्रमित*
अलीगढ़ जिले में कोरोना संक्रमण फिर से बढ़ना शुरू हो गया है। अब शहर के विभिन्न इलाकों में कोरोना संक्रमित रोगी मिलने लगे हैं। सोमवार को आठ नए संक्रमित रोगी सामने आए। इनमें से तीन महिलाएं व एक किशोरी भी शामिल है।इससे सक्रिय रोगियों की संख्या 32 पहुंच गई है। राहत की बात ये है कि किसी को हास्पिटल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है। लेकिन, वैरिएंट के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता कि कब क्या हो जाए। विशेषज्ञों का कहना है कि मास्‍क जरूर लगाएं और शारीरिक दूरी का पालन करें।

– *गर्भवती व दिव्यांग स्टाफ घर से करें काम, जानें केंद्रीय कर्मियों के लिए क्या हैं आदेश*
महामारी कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने अवर सचिव स्तर से नीचे के अपने 50 फीसद कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दी है। कार्मिक मंत्रालय की ओर से इसके लिए आदेश जारी किया गया है जो 31 जनवरी 2022 तक लागू रहेगा। इसके अनुसार दिव्यांग और गर्भवती महिला स्टाफ को आफिस आने से छूट दी गई है।केंद्र सरकार के अधिकारियों व सभी स्टाफ को अलग-अलग टाइम टेबल के अनुसार आफिस आना होगा। इसके लिए संबंधित विभाग को रोस्टर तैयार करना होगा ताकि आफिस में अधिक संख्या में लोग नहीं एकत्रित हों और काम भी सुचारू तरीके से हो सके।केंद्र की ओर से सोमवार को बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था 31 जनवरी तक के लिए बंद कर दी गई है।कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह निर्णय सरकारी स्टाफ के सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के मद्देनजर लिया गया है। केंद्र सरकार के सभी विभागों को जारी आदेश में मंत्रालय ने कहा कि कोविड निषिद्ध (कन्टेनमेंट) क्षेत्रों में रहने वाले सभी अधिकारियों व कर्मियों को भी तब तक कार्यालय आने से छूट दी गई है, जब तक वे क्षेत्र निषिद्ध बने रहते हैं।

– ओमिक्रोन की तेज रफ्तार को देखते हुए आल इंडिया बार एसोसिएशन ने निर्वाचन आयोग से लगाई यह गुहार*
कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के तेज संक्रमण को देखते हुए आल इंडिया बार एसोसिएशन ने निर्वाचन आयोग को एक ज्ञापन भेजकर गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनावों को स्थगित करने का अनुरोध किया है। एआईबीए के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता डा. आदिश सी अग्रवाल ने कहा कि आजकल चुनावी रैलियों में बिना कोविड प्रोटोकाल का पालन किए बड़ी संख्या में लोग जमा हो रहे हैं। ऐसे में ओमिक्रोन के प्रकोप के थमने तक यदि इन राज्यों में चुनाव स्थगित नहीं किए जाते हैं तो केंद्र और राज्य सरकारों के महामारी की रोकथाम के तमाम प्रयासों के बावजूद देश में फिर लाखों लोग मारे जाएंगे। आल इंडिया बार एसोसिएशन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि COVID-19 की दूसरी लहर भी चार राज्यों असम, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल और एक केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में हुए चुनाव के दौरान लोगों की लापरवाही से फैल गई थी। निर्वाचन आयोग ने तब कोविड-19 के खतरे को नजरंदाज करते हुए चुनाव कराए थे।अब पांच अन्य राज्यों गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसा तब हो रहा है जब ओमिक्रोन चरम पर पहुंच रहा है और कई राज्‍यों में स्वास्थ्य आपात स्थितियां लागू की जा रही हैं। विभिन्न देशों जैसे कि चीन, नीदरलैंड, जर्मनी आदि ने COVID-19 के बढ़ते मामलों के कारण आंशिक या पूर्ण लाकडाउन लागू कर दिया है। देश में एकबार फिर वही स्थिति विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी प्रचार के कारण बन रही है। COVID-19 के मामले दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहे हैं।

*दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोरोना पाजिटिव, होम आइसोलेट, खुद ट्वीट कर दी जानकारी*
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोरोना महामारी की चपेट में आ गए हैं। उनकी कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई है। उनकी बाडी में कोविड-19 के हल्के लक्षण पाये गए हैं। उन्होंन ट्वीटर हैंडल से कोरोना पाजिटिव होने की जानकारी दी। साथ ही अपने संपर्क में आने वाले लोगों से अपील की है कि वह खुद को आइसोलेट अवश्य करें और कोरोना की जांच कराए। कोरोना संक्रमण को हल्के में ना ले और कोरोना प्रोटोकाल का पूरा पालन करें। मास्क व शारीरिक दूरी में कोताही न बरतें।दरअसल, राजधानी में कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इस वजह से संक्रमण दर 4.59 प्रतिशत से बढ़कर 6.46 प्रतिशत हो गई। 230 दिन बाद कोरोना के मामले चार हजार के पार हो गए और सोमवार को 4099 मामले सामने आए, जो पिछले साल 18 मई के बाद सबसे अधिक हैं। पिछले साल 18 मई को 4482 मामले आए थे, तब संक्रमण दर 6.89 प्रतिशत थी। एक दिन पहले कोरोना के 3194 मामले आए थे।

*यूपी के सभी जिलों में शुरू होगी संस्कार पाठशाला, बेसिक शिक्षकों के साथ बच्चे पढ़ेंगे संस्कृत के श्लोक*
विकास के साथ ही हम भले ही डिजिटल युग में बढ़ रहे हों, लेकिन संस्कारों की कमी अभिभावकों की नींद उड़ाए हुए है। कांवेंट स्कूल में बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा की बढ़ी होड़ इस चिंता में और इजाफा कर रही है। पढ़ाई के साथ बच्चों को अपनी संस्कृति और संस्कार की जानकारी हो इसके लिए उप्र संस्कृत संस्थानम् की ओर से जिले स्तर पर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे वे बच्चों को संस्कृत और संस्कार का ज्ञान दे सकेंं। 16 जनवरी से बेसिक शिक्षा विभाग के सहयोग से शिक्षकाें को आनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। हर जिले के कक्षा एक से पांच तक शिक्षकों को संस्कृत भाषा और संस्कार का प्रशिक्षण दिया जाएगा।शिक्षकाें के प्रशिक्षण के बाद हर ग्राम पंचायत में बच्चों के लिए संस्कार की पाठशाला खोलने की कवायद शुरू होगी। बच्चों की पाठशाला में कक्षा पांच के नीचे पढऩे वाले बच्चों को संस्कृत भाषा में मंत्रोच्चारण के साथ ही नैतिक शिक्षा और संस्कारों के बारे में पढ़ाया जाएगा। सुबह उठने पर माता-पिता का चरण स्पर्श करना, धरती मां को प्रणाम करना, अनाज और फलों की जानकारी के साथ ही संस्कृत में श्लोकों को सिखाने और उनके महत्व के बारे में भी बच्चों को बताया जाएगा।

*एनएसएस द्वारा गरीबों को कंबल वितरण व सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन*
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवकों और शिक्षकों ने लाल डिगी रोड पर गरीबों को कंबल वितरित किए व सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम मं वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक किया गया।एनएसएस समन्वयक डा अरशद हुसैन ने कहा कि हर साल की तरह इस साल भी सर्दी में गरीबों की एनएसएस मदद कर रहा है। महिलाओं और बच्चों समेत अन्य लोगों में कंबल बांट रहे हैं।डा हुसैन ने एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी एसएम तल्हा, नवीद कुरैशी और पंकज त्यागी के साथ गरीबों के बीच कंबल बांटे। इसके अतिरिक्त फुरकान अहमद और सरताज आलम ने भी कंबल बांटे।इस बीच यूनिवर्सिटी सर्किल पर एनएसएस द्वारा रोड सेफ्टी अवेयरनेस कैंप में डा अरशद हुसैन ने कहा कि सड़क सुरक्षा शिक्षा भी उतनी ही जरूरी है, जितना कि कोई अन्य जागरूकता अभियान।एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी मोहम्मद शाकिर, नवेद कुरैशी और डा मुजाहिद खान ने भी सड़क सुरक्षा उपायों पर फुरकान अहमद के साथ लोगों को जागरूक किया।

*एएमयू के रिसर्च स्कालर कोएसपीएम फेलोशिप*
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के शोध छात्र मोहम्मद आतिफ रजा को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा पृथ्वी विज्ञान में एसपीएम फैलोशिप के लिए चुना गया है।प्रोफेसर फराहिम खान (अध्यक्ष,भूविज्ञान विभाग) ने बधाई देते हुए कहा कि छात्र की सफलता कड़ी मेहनत और शिक्षकों के मार्गदर्शन का परिणाम है।