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24 बाल वीरों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार

नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 .बाल वीरों. को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया।  मोदी ने इस अवसर पर कहा कि इन बच्चों ने बहादुरी के जो काम किए है वह इस बात का सबूत है कि भगवान प्रत्येक व्यक्ति में बसता और हमें दूसरों के लिए जीने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि हर किसी को दूसरों के लिए प्राण न्यौछावर करने का मौका नहीं मिलता। केवल कुछ ही लोग है जिन्हें ऐसा करने का मौका मिलता है। 
वीरता पुरस्कार से सम्मानित बच्चों की बहादुरी और निस्वार्थ काया6 की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन बच्चों ने परिणामों की चिंता किए बिना परेशानियों के बावजूद बहादुरी का परिचय दिया। श्री मोदी ने कहा कि इन बच्चों द्वारा दिखायी गयी बहादुरी की सबसे बडी बात यह है कि ये बच्चें एक विशेष स्थिति में बहादुरी दिखाने से खुद को रोक नहीं पाए और ऐसा करके उन्होंने समाज में दूसरे लोगों को प्रेरित किया है। 
मोदी ने कहा कि इन बच्चों के लिए और भी बडी जिम्मेदारी अब शुरु होती है। उन्होंने बच्चों से कहा कि ख्याति और प्रशंसा अस्थायी हो सकती है लेकिन उन्हें अपना संयम बनाए रखना होगा। उन्होंने बच्चों से बिना थके बिना रुके बिना झुके अपने लक्ष्यों और सपनों को हासिल करने की दिशा में काम करने को कहा। 
देश भर से आए 24 बच्चों को असाधारण वीरता एवं तत्काल निर्णय लेने की क्षमता के लिए राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इन बच्चों की आयु आठ से लेकर 18 वर्ष के बीच हैं। चार बच्चों को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया गया है। 
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार की स्थापना 1957 में केंद्र सरकार और राष्ट्रीय बाल कल्याण परिषद ने की थी। यह पुरस्कार उन बच्चों को दिया जाता है जो संकट के समय असाधारण वीरता का प्रर्दशन करते हैं।