संस्थान कलाकारों की प्रतिभा को तराशने-निखारने के लिए रहेंगी प्रतिबद्ध : लालानी

बीकानेर । सुर संगम एवं विरासत संवर्द्धन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 29वाँ राष्ट्रीय युवा संगीत समारोह आज सम्पन्न हो गया।
विरासत संवर्द्धन संस्थान के अध्यक्ष टी.एम.लालानी के मुख्य आतिथ्य एवं दीपक पण्डित के विशिष्ट आतिथ्य में आयोजित समापन समारोह में विजयी प्रतियोगियों को अलंकरण प्रदान किये गये। समारोह को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आडिटोरियम के लोकार्पण के साथ ही सुर संगम के इस आयोजन ने चार चाँद लगा दिये हैं और इससे यह विश्वास जमा है कि यह संस्थान हमारी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में निरन्तर कार्य करता रहेगा और कलाकारों की प्रतिभा को तराशने-निखारने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। इस कार्य में हमें सुर संगम का सहयोग भी मिलता रहेगा। मुझे विश्वास है कि इससे एक अच्छे आडिटोरियम की कमी की पूर्ति हुई है तथा निश्चय ही यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर अच्छे कलाकार निकलेंगे।

समापन समारोह भी विभिन्न सांगीतिक प्रस्तुतियों से सुरमयी हो उठा। कटनी के मानस काम्बले तथा वाराणसी की श्वेता जायसवाल का माधुर्यपूर्ण गायन हुआ तथा संगीत जगत के प्रखर नक्षत्र दीपक पण्डित का विलक्षण वायलिन वादन हुआ। इस अवसर पर उन्होंने अपने प्रभावी गायन से भी श्रोताओं  पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। ख्यातनाम संगीत गुरु पं.संजय विद्यार्थी के साथ उनकी जुगलबन्दी से श्रोता झूम उठे।

समारोह के प्रारम्भ में विरासत संवर्द्धन संस्थान के उपाध्यक्ष कामेष्वर प्रसाद सहल ने सभी का स्वागत किया तथा प्रतिभागियों द्वारा सुर संगम का भावपूर्ण सद्भावना गीत ’रंग ऐसा भरो’ प्रस्तुत किया गया।,

सुर संगम के महासचिव मुकेश अग्रवाल ने सुर संगम तथा दीपक पंडित का परिचय दिया। उल्लेखनीय है कि दीपक पंडित सुजानगढ़ के प्रसिद्ध कव्वाल जोड़ी शंकर-शंभू में शंभूजी के पुत्र हैं। इन्हें वायलिन और गायन दोनों पर समान अधिकार है तथा इनके अनेक एलबम जारी हो चुके हैं और फिल्मों में भी संगीत दिया है।

समारोह का सरस संचालन सुर संगम के अध्यक्ष के.सी.मालू ने किया। उन्होंने टी.एम.लालानी के प्रति अपना आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह आडिटोरियम बनाकर उन्होंने कला जगत को एक अनुपम सौगात दी है और विरासत संरक्षण संवर्द्धन में उनका यह प्रयास अविस्मरणीय रहेगा तथा आगे चलकर निष्चय ही यह आडिटोरियम एक कला मन्दिर का रूप ले सकेगा। इस अवसर पर दीपक पंडित एवं संजय विद्यार्थी को भी मानद सुरश्री अलंकरण प्रदान किया गया।

सुरश्री अवार्ड श्वेता जायसवाल को
सुर संगम एंव विरासत संवर्द्धन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 29वें राष्ट्रीय युवा संगीत समारोह में सुरश्री अवार्ड वाराणसी की श्वेता जायसवाल को दिया गया जबकि कटनी के मानस काम्बले को मास्टर मदन अवार्ड प्रदान किया गया।

इस तीन दिवसीय समारोह में सुगम, लोक और शास्त्रीय संगीत की प्रतियोगिताएं हुई जिसमें देश के विभिन्न भागों से आयोजित प्रतियोगिताओं में चयनित साठ प्रतिभागियों ने भाग लिया।

सुगम संगीत की जूनियर वर्ग स्पर्धा में इंदौर के ओमकार भट्ट प्रथम तथा मुरादाबाद की अनिका विद्यार्थी द्वितीय स्थान पर रहीं। इसी प्रकार सीनियर वर्ग में इन्दौर की सोनल दत्ता प्रथम और पाली की ज्योत्सना जवड़ा द्वितीय स्थान पर रही।

लोक संगीत की स्पर्धा में जूनियर वर्ग में भरतपुर की निषू शर्मा प्रथम और इंदौर की वंषिका भावसार द्वितीय स्थान पर रही जबकि सीनियर वर्ग में बीकानेर के मुकेष चांवरिया प्रथम एवं इंदौर की दुर्गा गामड़ द्वितीय स्थान पर रही।

शास्त्रीय संगीत की जूनियर वर्ग की स्पर्धा में इंदौर के अन्वय पंडित प्रथम और कटनी के अनन्त कुमार गौतम द्वितीय स्थान पर रहे जबकि सीनियर वर्ग की स्पर्धा में रीवा के सावन कुमार सोनी प्रथम और कटनी के करण देश पाण्डे द्वितीय स्थान पर रहे।