OmExpress News / New Delhi / केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को जानकारी दी है कि पिछले 24 घंटों में देशभर से 1007 नए कोरोना वायरस के मामले आए और 23 मौतें हुई हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रटरी लव अग्रवाल ने बताया कि अब तक 1749 लोग ठीक हो चुके हैं, देश में मामलों की कुल संख्या 13,387 है। 40 Percent Reduction in Covid 19
कोरोना वायरस से भारत में अब तक कुल 437 लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि राज्यों को 5 लाख टेस्ट किट दिए जा रहे हैं। मई तक 10 लाख टेस्ट किट तैयार करने की कोशिश है।
कोरोना के 80 फीसदी मरीज ठीक हो रहे हैं : लव अग्रवाल
गौरतलब है कि प्रतिदिन कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से लोगों में स्वास्थ को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार युद्ध स्तर पर कोरोना वायरस नाम की महामारी पर काबू पाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं। जॉइंट सेक्रटरी लव अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि पिछले 24 घंटे में कोरोना से देशभर में 23 लोगों की मौत हुई है, देश में कोरोना के 80 फीसदी मरीज ठीक हो रहे हैं। इसके अलावा 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना के मामले दोगुने होने की दर राष्ट्रीय स्तर से भी कम है। 40 Percent Reduction in Covid 19
लव अग्रवाल ने आगे बताया कि लॉकडाउन से पहले COVID19 मामलों की डबलिंग रेट लगभग 3 दिन लग रहे थे, पिछले 7 दिनों के आंकड़ों के अनुसार मामलों को डबलिंग रेट अब 6.2 दिनों की है। 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तो डबलिंग रेट देश की डबलींग रेट से भी कम है।
1007 new COVID19 cases, 23 deaths reported in the last 24 hours: Lav Agrawal, Joint Secretary, Ministry of Health pic.twitter.com/PPOjggyqDT
— ANI (@ANI) April 17, 2020
उन्होंने कहा, जिन 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में डबलिंग रेट देश की डबलिंग से कम है उसमें- केरल, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, लद्दाख, पुड्डुचेरी, दिल्ली, बिहार, ओडिशा, तेलंगाना, TN, आंध्र प्रदेश, यूपी, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, असम और त्रिपुरा शामिल हैं।
आईसीएमआर के डॉ रमण आर गंगाखेड़कर ने बताया कि महामारी कोरोना वायरस 3 महीने से भारत में है, परिवर्तन जल्दी नहीं होता। इस वायरस के काबू करने के लिए जो भी वैक्सीन आएगी,वो भविष्य में भी काम करेगी। उन्होंने आगे कहा, आईसीएमआर अगल हफ्ते एक स्टडी शुरू करेगा। जब तक इसका कुछ ठोस रिजल्ट नहीं आता इसके बारे में हेल्थ वर्कर्स को हम सलाह नहीं देंगे।