नई दिल्ली। गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के बाद मोदी सरकार ने शिक्षण संस्थानों में गरीबों के लिए एक और कदम बढ़ा दिया है। खबरों के अनुसार केंद्र द्वारा संचालित उच्च शिक्षण संस्थानों में कुल सीटों की संख्या में बढ़ोतरी की जा सकती है। भारतीय प्रद्यौगिकी संस्थान (आईआईटी), भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), राष्ट्रीय प्रद्यौगिकी संस्थान (एनआईटी) समेत अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों में करीब 3 लाख सीटों का इजाफा हो सकता है। सरकार इस प्रक्रिया को 2019 और 2020 के सत्र में पूरा करने का फैसला कर रही है।
जानकारी के अनुसार 2021 तक आईआईटी में करीब 5100 नई सीटों की बढ़ोतरी होगी। वहीं आईआईएम में भी करीब 800 सीटों का इजाफा होने का अनुमान है। केंद्र सरकार ने केंद्रीय संस्थाओं के साथ-साथ राज्यों को भी अपने शैक्षिक संस्थानों में ऐसी व्यवस्था को लागू करने के लिए कहा है।
एक अनुमान के अनुसार केंद्र की वित्तीय सहायता से संचालित आईआईटी, आईआईएम, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय, केंद्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, सरकारी कॉलेज, डीम्ड यूनिवर्सिटी एवं अनुदान प्राप्त कॉलेजों में करीब 9.3 लाख सीटें हैं। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया की किस संस्थान में कितनी सीटों की बढ़ोतरी होगी। ऐसे में रिपोर्ट मिलने के बाद ही सही तस्वीर सामने आ पाएगी। नई आरक्षण व्यवस्था लागू होने से अब देश भर के शैक्षिक संस्थानों में ढाई से तीन लाख अतिरिक्त विद्यार्थियों का प्रवेश होगा।(PB)