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6 सालों में शेयर बाजार सबसे नीचे स्तर पर

मुंबई। यूरो जोन में यूनान संकट गहराने और कच्चे तेल के 50 डॉलर प्रति बैरल के नीचे उतरने से यूरोप एशियाई बाजारों के साथ ही घरेलू शेयर बाजारों में मंगलवार को सुनामी आ गई और बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स में 855 अंक की साढ़े पांच साल की सबसे बड़ी एक दिवसीय गिरावट के बीच निवेशकों के 2.75 लाख करोड़ रुपए डूब गए। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 251 अंक लुढ़क गया। इससे पहले 06 जुलाई 2009 को सेंसेक्स में 869.65 अंक की एकदिवसीय गिरावट रही थी। कच्चे तेल की कीमत पिछले दो दिनों में पांच प्रतिशत से ज्यादा गिरने से सेंसेक्स ने 148 अंक टूटकर 27694.23 अंक पर शुरुआत की और पहले घंटे में ही लगभग 600 अंक उतर गया। पूरे सत्र बाजार में बिकवाली जारी रही और यह 27 हजार के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे उतरते हुए 26937.06 अंक को छूने के बाद पिछले सत्र के मुकाबले 3.07 प्रतिशत यानी 854.86 अंक लुढ़ककर 17 दिसंबर 2014 के बाद के न्यूनतम स्तर 26987.46 अंक पर बंद हुआ। बाजार के औंधे मुंह गिरने से बीएसई में निवेशकों को 275014 करोड़ रुपये की चपत लगी। सोमवार को बाजार बंद होने पर 9949718.82 करोड़ रुपये पर रहा कुल पूंजीकरण गिरकर 9674704.72 करोड़ रुपए रह गया। निफ्टी भी 251 अंक नीचे निफ्टी भी 251.05 अंक नीचे 8325.30 अंक पर खुलने के बाद बीच सत्र के बाद 8111.35 अंक तक उतर गया। कारोबार की समाप्ति पर पिछले सत्र की तुलना में तीन प्रतिशत यानी 251.05 अंक फिसलकर 17 दिसंबर 2014 के बाद के निचले स्तर 8127.35 अंक पर आ गया। तेल एवं गैस समूह की कंपनियों को भी नुकसान सबसे ज्यादा 4.17 प्रतिशत का नुकसान तेल एवं गैस समूह की कंपनियों को उठाना पड़ा और सेंसेक्स में ओएनजीसी के शेयर छह प्रतिशत गिर गए। निफ्टी भी 53 अंक गिरकर 8325.30 अंक पर खुला और 8327.85 अंक के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद गिरता हुआ कारोबार के दौरान 8111.35 अंक के न्यूनतम स्तर तक उतर गया। सत्र के अंत में यह पिछले दिवस के मुकाबले तीन प्रतिशत यानी 251.05 अंक का गोता लगाकर 8127.35 अंक पर रहा। बीएसई का मिडकैप 2.95 प्रतिशत लुढ़ककर 10235.74 अंक और स्मॉलकैप 2.96 प्रतिशत लुढ़ककर 10986.22 अंक पर आ गया। बीएसई में 2955 कंपनियों में कारोबार हुआ जिसमें 644 बढ़त के साथ और 2253 गिरावट में रहे जबकि 58 में कोई बदलाव नहीं हुआ। एशियाई और यूरोपीय बाजारों में चौतरफा हाहाकार रहा। ब्रिटेन का एफटीएसई खुलने के कुछ देर बाद ही 1.26 प्रतिशत लुढ़क गया। जापान, हांगकांग में भी गिरावट एशियाई बाजारों में जापान का निक्की 3.02 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 0.99 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.74 प्रतिशत गिरकर बंद हुए। जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट 0.07 प्रतिशत की बढ़त में रहा। बीएसई के सभी 13 समूहों में बिकवाली का जोर रहा। तेल एवं गैस 4.17 प्रतिशत उतर गया। इसके अलावा रियलिटी 3.66 धातु 3.49 पीएसयू 3.39 पूंजीगत वस्तुएं 3.24 ऊर्जा 3.13 टिकाऊ उपभोक्त उत्पाद 3.09 बैंकिंग 3.03 स्वास्थ्य 2.67 आॅटो 2.65 आईटी 2.53 टेक 2.39 और एफएमसीजी 1.44 प्रतिशत उतर गया। सेंसेक्स की कंपनियों में ओएनजीसी 5.89 प्रतिशत, सेसा स्टरलाइट 5.09 प्रतिशत, टाटा स्टील 4.88 प्रतिशत, एचडीएफसी 4.69 प्रतिशत, रिलायंस इंडस्ट्रीज 4.67 प्रतिशत, भेल 4.45 प्रतिशत, टाटा मोटर्स 4.39 प्रतिशत, आईसीआईसीआई बैंक 4.20 प्रतिशत, भारतीय स्टेट बैंक 4.05 प्रतिशत, टाटा पावर 3.92 प्रतिशत, टीसीएस 3.60 प्रतिशत. एक्सिस बैंक 3.54 प्रतिशत, हीरो मोटोकॉर्प 3.43 प्रतिशत, एलएंडटी 3.38 प्रतिशत, गेल 3.20 प्रतिशत, एनटीपीसी 3.13 प्रतिशत, सिप्ला 2.96 प्रतिशत, डॉ. रेड्डीज लैब 2.59 प्रतिशत, आईटीसी 2.49 प्रतिशत, विप्रो 2.47 प्रतिशत, हिंडाल्को 2.36 प्रतिशत, सन फार्मा 2.34 प्रतिशत, इंफोसिस 1.99 प्रतिशत, मारुति सुजुकी 1.51 प्रतिशत, एचडीएफसी बैंक 1.46 प्रतिशत, बजाज ॉटो 0.80 प्रतिशत, भारती एयरटेल 0.78 प्रतिशत, महिंद्रा एंड महिंद्रा 0.68 प्रतिशत तथा कोल इंडिया 0.03 प्रतिशत के नुकसान में रहीं। मुनाफा कमाने वाली एक मात्र कंपनी हिंदुस्तान यूनिलिवर (1.89 प्रतिशत) रही।