जयपुर । मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि प्रदेश के विकास एवं समृद्धि के लिए राज्य सरकार उद्योग जगत के साथ सहभागिता बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में नई नीतियां बनाने के साथ श्रम सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया है, जिनकी देशभर में प्रशंसा हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकास के लिए एक पॉलिसी फ्रेमवर्क तैयार कर कार्य किया जा रहा है। राजे गुरुवार को सीआईआई की नेशनल काउन्सिल की बैठक को सम्बोधित कर रही थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेश का माहौल बनाने और निवेशकों की सहूलियत के लिए राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने निवेशकों को सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि उद्योग जगत एवं प्रशासनिक तन्त्र आपस में समन्वय रखते हुए नए आइडिया एवं नई सोच के साथ काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व नई सरकार बनने के साथ ही विकास की दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है और परिवर्तन भी नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि देश में स्वच्छता, मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने एवं कौशल विकास जैसे क्षेत्र में प्रधानमंत्री जो कार्य कर रहे हैं वो लोगों के दिलों को छू रहा है। अब केन्द्र के साथ राज्यों को भी राष्ट्र निर्माण में सहयोगी की भूमिका के रूप में देखा जा रहा है। राजे ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पीपीपी मोड पर कार्य की शुरुआत करते हुए आधारभूत ढांचा तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकारें आज के दौर में विकास के कार्यों में सुविधा प्रदाता की भूमिका निभा रही है। उन्होंने औद्योगिक संगठनों से जुड़े लोगों से अपील की कि वे प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिये आगे आएं और विकास में भागीदार बनकर सरकार के साथ कार्य करें। मुख्यमंत्री ने उद्योग जगत से जुड़े लोगों को पेयजल, न्यूट्रीशन, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, शहरी विकास, सौर ऊर्जा उत्पादन एवं पर्यटन जैसे क्षेत्रों में आगे आकर सरकार के साथ कार्य करने का सुझाव दिया। कॉरपोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सीएसआर गतिविधियों के लिए एक पोर्टल तैयार कर रही है। राजे ने कहा कि प्रदेश में निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य सरकार नवम्बर, 2015 में रिसर्जेंट राजस्थान सम्मेलन का आयोजन कर रही है। इस आयोजन से हमें काफी उम्मीदे हैं। राज्य सरकार का मकसद है कि प्रदेश में जो भी निवेश आये वो वास्तविक रूप से धरातल पर उतरे और जनता को इसका लाभ मिले।
कौंसिल की बैठक में सुझाव
सीआईआई की नेशनल काउन्सिल के सदस्यों से विभिन्न क्षेत्रों पर सुझाव आमंत्रित किए, जिसमें मुख्य रूप से कौशल विकास, ऊर्जा, पेयजल, आधारभूत ढांचे, पयर्टन, खनन, लघु एवं मध्यम श्रेणी उद्योगों को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने सदस्यों से चर्चा के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों और भविष्य में बनाई जाने वाली योजनाओं के बारे में बताया। मुख्य सचिव सी.एस. राजन ने कहा कि सदस्यों द्वारा दिए सुझाव काफी महत्वपूर्ण हैं जिनका प्रदेश को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा। उन्होंने सीआईआई की नेशनल काउन्सिल के सदस्यों से कहा कि वे प्रदेश के अधिकारियों से चर्चा कर ऐसे सुझाव दें जिन्हें बजट 2015-16 में सम्मिलित किया जा सके।
सीआईआई कौंसिल ने की राजे की प्रशंसा
सीआईआई की नेशनल कौंसिल गुरुवार को आयोजित बैठक के दौरान कौंसिल के सदस्यों ने नई सोच के साथ कार्य करने एवं प्रदेश में निवेश का माहौल तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री की प्रशंसा की। सदस्यों ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे विकास के विजन को लेकर चल रही हैं और उनके नेतृत्व में प्रदेश विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। चर्चा के दौरान कौंसिल के सदस्यों ने राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम-2014, सोलर एनर्जी पॉलिसी सहित राज्य सरकार द्वारा लागू किए जा रहे श्रम सुधारों की जमकर तारीफ की।
सदस्यों ने प्रदेश में पीपीपी मोड पर विकास कार्य करने के राज्य सरकार के कदम की भी सराहना की। कौंसिल के सदस्य अरुण नन्दा ने कहा कि जयपुर में स्थापित महिन्द्रा वल्र्ड सिटी पीपीपी मोड पर कार्य का अच्छा उदाहरण है। सीआईआई के सदस्यों ने पेयजल, हेल्थ केयर, स्वच्छता, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने, निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने, घरेलू पर्यटन एवं टूरिस्ट विलेज को बढ़ावा देने के सम्बन्ध मेंं भी महत्वपूर्ण सुझाव दिए।