नई दिल्ली । सिगरेट, बीड़ी और अन्य तंबाकू उत्पादों के पैकेट्स के बड़े हिस्से पर सचित्र चेतावनी के मुद्दे को केंद्र सरकार अब लंबा नहीं खींचना चाहती। इस मामले में अपने ही सांसदों के विवादास्पद बयानों से मुश्किल में फंसी सरकार ने मुद्दे को जल्द सुलझाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री को निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को कहा है कि तंबाकू उत्पादों के पैकेट्स के बड़े हिस्से पर सचित्र चेतावनी छापी जाए। पीएम के मुताबिक, पैकेट्स पर सचित्र चेतावनी का आकार भले ही 85 फीसदी तक न हो, लेकिन 60 फीसदी हिस्से में चेतावनी जरूर छापी जानी चाहिए। नड्डा से कहा गया है कि वह इस मामले में जल्द फैसला लें और मामले को लंबा न खीचें, क्योंकि इससे सरकार की छवि पर असर पड़ रहा है। पीएम की तरफ से यह भी कहा गया है कि पार्टी सांसदों को इस मामले पर बयानबाजी से बचना चाहिए। ऐसे सांसदों से कहा गया है कि इस मुद्दे को लेकर जिन पर हितों के टकराव का मामला बनता है, उन्हें खुद ही ये देखना चाहिए कि वो इनसे कैसे अलग हो सकते हैं। दिलीप गांधी,श्यामा चरण गुप्ता और राम प्रसाद शर्मा ने दिए थे बयान सिगरेट और तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर सचित्र चेतावनी छापने के मसले पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहल की थी। इसके लिए बीजेपी सांसद दिलीप गांधी की अगुवाई वाली संसदीय समिति से जानकारी मांगी गई थी। इसके बाद बीजेपी सांसदों और खुद दिलीप गांधी का तंबाकू लॉबी के समर्थन में बयान आया कि इसे लेकर भारत में अभी तक कोई रिसर्च नहीं है कि तंबाकू से कैंसर होता है। इसके बाद बीजेपी सांसद और समिति के सदस्य श्याम चरण गुप्ता ने कहा कि बीड़ी में औषधीय गुण होते हैं। श्याम चरण गुप्ता खुद बीड़ी व्वसाय से जुड़े बड़ा नाम हैं। असम से बीजेपी सांसद राम प्रसाद शर्मा ने भी इससे मिलता-जुलता बयान दिया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने तंबाकू उत्पादों के पैकेट्स पर सचित्र चेतावनी का आकार बढ़ाने के निर्देश को टाल दिया था।