ठाणे। यहां रेलवे स्टेशन के पास सोमवार सुबह 50 साल पुरानी एक इमारत के ढह जाने से एक ही परिवार के चार सदस्यों सहित कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। ठाणे नगर निगम के क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रभारी संतोष कदम ने बताया कि ठाणे शहर के बी कैबिन स्थित चार मंजिला इमारत – कृष्णा निवास तड़के करीब ढाई बजे गिर गई। उस वक्त इमारत में मौजूद लोग सो रहे थे। इमारत ढहने के तुरंत बाद दमकल विभाग और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 50 कर्मी मौके पर पहुंचे और मलबे में फंसे लोगों को बचाने का अभियान शुरू किया।
टीम मलबे से किसी तरह से कम से कम एक दर्जन लोगों को बाहर निकालने में सफल रही, जिन्हें इलाज के लिए तुरंत स्थानीय अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि, भारी बारिश और अंधेरे के कारण बचाव कार्य में रूकावट भी आई। अतिरिक्त निकाय आयुक्त सुनील चव्हाण के मुताबिक, इस इमारत को खरतनाक ढांचों की सूची में शामिल किया गया था । निकाय सूत्रों के अनुसार, इमारत में रहने वालों को इसे खाली करने को कहा गया था लेकिन उन्होंने इस निर्देश का पालन करने से इनकार कर दिया।
एक सप्ताह के अंदर इमारत ढहने की यह दूसरी सबसे बड़ी घटना है। इससे पहले कल्याण के ठाकुर्ली में चोल गांव में 40 वर्ष पुरानी एक इमारत ढह जाने से नौ लोग मारे गए थे। जिला कलेक्टर डॉ. अश्विनी जोशी और मंत्री एकनाथ शिंदे इस पर नजर रखे हुए हैं। घटनास्थल का दौरा करने वाले शिंदे ने कहा, ‘सरकार इलाके में जर्जर मकानों का सर्वेक्षण करेगी। मरने वालों की पहचान सुभ्रव पांडुरंग , मीरा भट्ट , रश्मि भट्ट , अरूण सावंत , प्रिया पटेल , भक्ति सावंत , अनन्या खोट , रामचंद्र भट्ट , मांडा नेने , रश्मि मांगे और अमित सावंत के रूप में हुई है।