फरीदाबाद ।हरियाणा के फरीदाबाद जिले के एक गांव में अगड़ी जाति के दबंगों द्वारा एक दलित परिवार को जिंदा जलाने की घटना को लेकर विपक्ष तथा सहयोगी लोजपा के निशाने पर आने के बाद राज्य सरकार ने बुधवार को घटना की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश कर दी। इस घटना में दो मासूम बच्चों की मौत हो गई। सुनपेड में गांव के लोगों ने बुधवार को ढाई साल के वैभव और 11 महीने की दिव्या के शवों को लेकर प्रदर्शन किया। बाद में प्रशासन ने उन्हें सड़क से जाम खत्म करने और शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए मनाया। केन्द्रीय मंत्री एवं स्थानीय सांसद कृष्णपाल गुर्जर ने फरीदाबाद में घोषणा की कि प्रदेश सरकार ने पीड़ित पक्ष की मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग को मंजूर कर लिया है। उनकी इस घोषणा के बाद पीडित पक्ष बच्चों के अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गया और श्मशान घाट ले जाकर दाह संस्कार की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
उधर, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के मीडिया सलाहकार अमित आर्य ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। एक विशेष जांच दल (एसआईटी) भी गठित किया गया है जिसकी अध्यक्षता पुलिस उपायुक्त पूरनचंद करेंगे। उन्होंने बताया कि अभी तक इस मामले में 11 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। आर्य ने कहा कि सरकार ने 10 लाख रुपये और पीड़ितों के परिवार के लिए एक नौकरी घोषित की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गुरुवार को सुनपेड गांव जायेंगे और शोकसंतप्त परिवार से मिलेंगे। मुख्यमंत्री का वहां बुधवार को जाने का कार्यक्रम था किन्तु अब वह गुरुवार को जाएंगे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के इस मामले को लेने से पहले राज्य की एसआईटी जांच करेगी। सीबीआई जांच अधिसूचित होने के बाद प्रक्रिया के अनुरूप उसे जांच ब्यौरे सौंपे जाएंगे।
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक वाई पी सिंघल ने कहा कि सुनपेड गांव में स्थिति नियंत्रण में है तथा दलित परिवार दोनों बच्चों का अंतिम संस्कार करने को राजी हो गए हैं। उन्होंने कहा कि बल्लभगढ़ सदर के थाना प्रभारी अनिल कुमार तथा सात अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। फरीदाबाद में हुई घटना को लेकर आज देश के के हिस्सों में प्रदर्शन किये गये व के संगठनो ने इस घटना की निंदा की ।