असम में पिछले 15 साल से सत्ता में रही कांग्रेस को नकार कर जनता ने पहली बार भाजपा की अगुवाई वाले गठबंधन पर भरोसा जताया जो कुल 126 सीटों में से 80 पर बढ़त लिए हुए है । पिछले चुनाव में केवल पांच सीटें जीतने वाली भाजपा अकेले दम पर 56 सीटों पर आगे चल रही है । उसकी सहयोगी असम गण परिषद और बोडो पीपुल्स फ्रंट क्रमशरू 15 और 12 निर्वाचन क्षेत्रों में बढ़त लिए हुए है । पिछले चुनाव में 78 सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस केवल 27 सीटों को बचाने के लिए संघर्ष करती नजर आ रही है । बदरूद्दीन अजमल की कमान में एआईयूडीएफ 9 सीटों पर आगे है और छह सीटों पर निर्दलीय अपना प्रभाव दिखा रहे हैं ।
चार राज्यों और पुडुचेरी विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात तमिलनाडु में सामने आयी है जहां अन्नाद्रमुक ने शानदार जीत हासिल की है । हालांकि मतदान बाद के सर्वेक्षणों में उसके सत्ता से बाहर जाने की भविष्यवाणियां जोरशोर से की गयी थीं ।