नई दिल्ली। देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ-साथ निजी क्षेत्रों के बैंक तमाम बचत योजनाओं के साथ ग्राहकों को लुभावने ऑफर देते रहते हैं. लेकिन इस सबके बावजूद देखा जाता है कि पोस्ट ऑफिस या कहें के डाकघर से जुड़ी बचत योजनाओं को सरकार का समर्थन प्राप्त रहता है और इस कारण इनका कोई मेल नहीं मिलता. वैसे भी अब बैंक कस्बों तक अपनी पहुंच बनाने में कामयाब हुए हैं जबकि डाकघर से जुड़ी सुविधाओं डाकिए के माध्यम से गांव-गांव तक पहुंचती रही है.
लोगों का विश्वास हमेशा से इस पर बना रहा है और पीपीएफ से लेकर तमाम अन्य सरकारी योजनाओं में लोग निवेश करते हैं लाभ उठाते हैं. लोगों का विश्वास यहां पर क्यों बना हुआ है उसके निम्नलिखित कारण हैं – डाकघर बचत योजनाएं यानी पोस्ट ऑफिस सेविंग्स स्कीम में युवाओं से लेकर बुजुर्ग का विश्वास बना हुआ है. बढिय़ा रिटर्न और सुरक्षा के मामले में इनके सामने कोई नहीं टिकता है. इसके पीछे कई कारण हैं. सबसे अहम कारण इन योजनाओं के पीछे केंद्र सरकार का हाथ होना. यानि यहां से जो योजनाओं लोगों तक पहुंचती हैं उसकी गारंटी केंद्र सरकार की होती है. डाकघर की लगभग सभी योजनाएं, चाहे वह सामान्य बचत खाता हो, या आरडी अकाउंट या एफडी अकाउंट, सभी में बेहतर ब्याज मिलता है. अकसर देखा गया है कि रिटायरमेंट के साथ ही कई कर्मचारी यहां पर अपना पैसा जमा कराते हैं ताकि बाकी की उम्र ब्याज से रही आय से काट सकें. डाकघर की कई योजनाओं में जमा रकम और ब्याज पर सरकार टैक्स नहीं लगाती है. यह भी लोगों के इस ओर आकर्षित होने का एक महत्वपूर्ण कारण है.
कुछ योजनाओं में टैक्स में छूट भी मिलती है. बता दें कि कुछ योजनाओं में आंशिक रूप से तो कुछ योजनाओं में मैच्योरिटी और ब्याज पर टैक्स नहीं लगता. मेहनत से कमाए धन को लेकर लोग काफी सजग रहते हैं. बाजार में तमाम जोखिम भरे निवेशों को देखा जाए तो लोग हमेशा सुनिश्चित आए और सुरक्षित निवेश की ओर ज्यादा झुकते हैं. यह तो सर्वविदित है कि पोस्ट ऑफिस विभाग केंद्र सरकार के अधीन है. इसमें जमा रकम की सुरक्षित है क्योंकि केंद्र इसके लिए गारंटी देती है. यह तो तय है कि लोगों का पैसा यहां डूबता नहीं है. अकसर देखा गया है कि अच्छी आय वाले लोगों को लुभाने में निजी क्षेत्र काफी अग्रणी भूमिका निभाता जबकि कम आय वाले लोगों को अच्छे निवेश के अवसर उपलब्ध कम ही होते हैं. ऐसे में सरकार का काम होता है कि वह जनहितकारी योजनाएं लाएं. सरकार के पास पोस्ट ऑफिसों जैसी ताकत हैं जिसकी पहुंच लगभग देश के हर गांव में है. इसलिए सरकार कम आय वाले लोगों के लिए भी बचत और निवेश की योजनाओं का लाभ लेकर आती है.
सेविंग स्कीम्स पर मिल रही ब्याज दर सेविंग अकाउंट पर 4 फीसदी सालाना, 6 साल की आरडी पर 6.9 फीसदी सालाना, टीडी अकाउंट पर 1 साल के लिए 6.60त्न, 2 साल के लिए 6.7त्न, 3 साल के लिए 6.90त्न, 5 साल के लिए 7.40त्न की दर से ब्याज मिलता है. एमआईएस पर 7.3 फीसदी, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम पर 8.3 फीसदी की दर से, पीपीएफ पर 7.6 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है. एनएससी 7.6 फीसदी देते हैं, सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है जबकि एसकेवीपी पर 7.3 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है.