कोलकाता (सच्चिदानंद पारीक)/ OmExpress News । पूज्य आदि शंकराचार्य(Aadi Shankaracharya) का प्राकट्य दिवस समारोह सत्संग भवन में भक्ति भाव से सम्पन्न हुआ। निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानन्द भारती महाराज ने कहा कि वेद, पुराण, उपनिषद तथा धार्मिक ग्रंथों के सिद्धांतों के अनुरूप सनातन धर्म, वैदिक संस्कृति को भारतवासी जीवन में अपनाएं, यही आदि शंकराचार्य के प्रति सच्ची भावांजलि है। Aadi Shankaracharya
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शंकराचार्य ने भारत की चार दिशाओं में की चार पीठों की स्थापना : स्वामी विशोकानन्द भारती
उन्होंने कहा कि अद्वैत वेदांत के प्रणेता आदि शंकराचार्य ने उपनिषद और वेदांत सूत्रों के साथ ब्रह्मसूत्रों की व्याख्या की। आदि शंकराचार्य ने भारत की चार दिशाओं में चार पीठों की स्थापना की। आदि शंकराचार्य के विचारोपदेश आत्मा और परमात्मा की एकरूपता पर आधारित है जिसके अनुसार परमात्मा एक ही समय में सगुण और निर्गुण दोनों स्वरूपों में रहता है। Aadi Shankaracharya
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आदि शंकराचार्य ने व्यासपीठ तथा राजपीठ का शोधन कर दोनों में सैद्धांतिक सामंजस्य साधा। सत्संग भवन के ट्रस्टी पंडित लक्ष्मीकांत तिवारी, आचार्य श्रीकांत शास्त्री, आनंद वाहिनी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नीलम झा, वृन्दावन से पधारे प्रभाकर कृष्ण महाराज, कथावाचक दिव्यानंद ब्रह्मचारी, कृष्णानंद महाराज, कुशेश्वर झा एवं श्रद्धालु भक्तों ने आदि शंकराचार्य के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। आयोजन की सफलता के लिये सत्संग भवन के ट्रस्टी दीपक मिश्रा, मुकेश शर्मा, अशोक तिवारी, अभय पांडेय, आदित्य वाहिनी एवं आनंद वाहिनी के संजय सांगानेरिया, चन्द्रकान्त झा, उषा गुप्ता, कमल मैत्र एवं संयोजक राजेंद्र कुमार सोनी सक्रिय रहे। Aadi Shankaracharya