Bhamashah Health Insurance
bhamashah-health-insurance
गरीबों का निजी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज की मिलेगी सुविधा

जयपुर । प्रदेश में गरीबों को अब निजी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। इसके लिए भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की 13 दिसंबर से शुरुआत होगी। योजना के तहत करीब एक करोड़ 31 लाख परिवारों का सर्वे कर ई-हैल्थ कार्ड बनाएं जाएंगे, जिससे चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में योजना को लागू कर गरीबों को सरकारी के साथ ही निजी अस्पतालों में इलाज का अधिकार देने का निर्णय लिया गया।

इसके अलावा कैबिनेट ने बिजली कंपनियों के आर्थिक ढांचे को सुधारने के लिए एक और कंपनी का गठन करने, 13 दिसंबर को सरकार के दो साल पूरे होने पर कार्यक्रम आयोजित करने, सरकारी नौकरी में विधवा और परित्यक्ता महिलाओं के आरक्षण पर इंटरचेंज करने तथा डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय को पीठ में बदलने सहित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सामान्य बीमारी के लिए तीस हजार तथा गंभीर रोग के लिए तीन लाख रुपए तक निजी अस्पतालों में कैसलेश उपचार की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। राज्य में 1700 बीमारियों को चिह्नित किया गया है, जिनका उपचार योजना के तहत हो सकेगा।

योजना लागू होने के बाद राजस्थान देश के पांच राज्यों में शामिल हो जाएगा, जहां 67 प्रतिशत जनता स्वास्थ्य सेवाओं से लाभान्वित होगी। राठौड़ ने बताया कि योजना को राज्य की भामाशाह योजना से जोड़ने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए भामाशाह कार्ड एवं ई-स्वास्थ्य कार्ड बनाया जाएगा। योजना के लिए न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से राज्य सरकार का करार हुआ है और निजी चिकित्सालयों द्वारा कैशलेश उपचार देने पर 21 दिन के अंदर अस्पताल को भुगतान देना होगा।

राज्य सरकार ने इस योजना के लिए निजी चिकित्सालयों का पैनल तैयार करवा लिया है। राठौड़ ने बताया कि कैबिनेट में आरोग्य राजस्थान कार्यक्रम की समीक्षा हुई और इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश के एक करोड़ 31 लाख परिवारों का घर घर सर्वे किया जाना था, लेकिन अब तक 58 लाख 77 हजार 112 परिवारों का ही सर्वे हो पाया है तथा अगले दस दिनों में यह सर्वे कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। एक दिसम्बर 2015 से 31 मार्च 2016 तक हर पंचायत स्तर पर बीमारी जांच शिविर लगाकर लोगों का स्वास्थ्य डाटा बेस तैयार किया जाएगा तथा इस दौरान नौ हजार शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों में आवश्यकता होने पर निजी चिकित्सकों की सेवाएं भी ली जाएंगी। इस योजना के सुचारू रूप से संचालन करने के लिए कैबिनेट ने एक राज्य स्तरीय कमेटी गठन करने का भी निर्णय लिया गया है।