पटना । उदीयमान सूरज को अर्घ्य देने के साथ भगवान भास्कर की आराधना का चार दिवसीय महापर्व छठ बिहार में संपन्न हो गया। भगवान भास्कर की आराधना के महापर्व छठ के आज अंतिम दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर छठ पर्व उल्लास से मनाया गया।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद के आवास पर उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी सहित लाखों व्रतियों के राजधानी पटना में गंगा किनारे तथा प्रदेश के अन्य भागों में आज सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ यह पर्व शांति और उल्लास के बीच संपन्न हो गया। पटना के सात सकुर्लर रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास पर नीतीश कुमार ने अपने बडे भाई सतीश कुमार की पत्नी गीता देवी और अन्य रिश्तेदारों के साथ आज सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया तथा पूजा-अर्चना की।
मुख्यमंत्री आवास से कुछ ही दूरी पर दस सर्कुलर रोड स्थित अपने आवास पर पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी जिन्होंने छठ व्रत रखा, के साथ उनके पति और राजद प्रमुख लालू प्रसाद तथा परिवार के अन्य सदस्यों ने उदीयमान सूर्य को अघ्र्य दिया तथा पूजा-अर्चना की। हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में भारी जीत से दस वर्ष के बाद सत्ता में वापसी से राजद प्रमुख के घर इस बार छठ पर्व भारी धूम-धाम के साथ मनाया गया तथा उनके दोनों नवनिर्वाचित विधायक पुत्र तेज प्रताप एवं तेजस्वी यादव के साथ उनकी बडी बेटी मीसा भारती सहित सभी सात बेटियां उपस्थित रहीं। वे अपने माता-पिता को छठ अनुष्ठान को संपन्न करने में सहयोग करते दिखे। छठ पर्व के अवसर पर लालू के छोटे दामाद और मैनपुरी से समाजवादी पार्टी सांसद तेज प्रताप सिंह यादव जिन्होंने अपनी पत्नी राज लक्ष्मी और अपने ससुराल वालों के साथ पहली बार छठ पर्व मनाया, ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि महागठबंधन (जदयू-राजद-कांग्रेस) की चुनाव में भारी जीत ने हम लोगों के लिए छठ पर्व को विशेष बना दिया है। राबड़ी पूर्व की भांति पिछले वर्ष पटना स्थित अपने आवास पर छठ पर्व नहीं मना पायी थीं। हृदय रोग के इलाज के बाद लालू प्रसाद पिछले साल दिल्ली में स्वास्थ्य लाभ हासिल कर रहे थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने छठ पर्व के अवसर पर बिहार वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। महापर्व छठ के चौथे और अंतिम दिन राजधानी पटना में गंगा किनारे सहित प्रदेश के अन्य भागों में व्रती और श्रद्धालु अपने-अपने परिवार के सदस्यों के साथ आज प्रात: विभिन्न नदी घाटों और तालाब किनारे पहुंचे और पानी में खडे होकर उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया। नहाय-खाय के साथ गत 15 नवंबर से शुरू हुए लोक आस्था के इस महापर्व के दूसरे दिन व्रतियों के सूर्ययास्त होने पर खरना के तहत रोटी एवं खीर का भोग लगाये जाने के बाद उनके द्वारा रखा गया 36 घंटों का निर्जला उपवास कल शाम डूबते हुए सूर्य एवं आज सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण के साथ संपन्न हो गया।
छठ पर्व को लेकर जिला प्रशासन और स्वयंसेवी संगठनों द्वारा राज्य में नदी और तालाब पर बने घाटों की साफ-सफाई के साथ सडकों को आकषर्क तरीके से सजा गया था ताकि श्रद्धालु पारंपरिक उत्साह और श्रद्धा के साथ सूर्य उपासना के लिए बिना किसी कठिनाई के अपने घरों से नदी किनारे स्थित घाटों और तालाबों तक जा सकें।