बीकानेर । छह महीने के इंतजार के बाद बीकानेर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक महापौर नारायण चौपड़ा की अध्यक्षता में शुरू हुई। आयुक्त आरके जयसवाल उपायुक्त मनीराम बगडिय़ा भी मौजूद थे। पार्षदों ने बेसहारा पशुओं के मुद्दे पर हंगामा शुरू किया तो बाहर कांग्रेस के अध्यक्ष यशपाल गहलोत के नेतृत्व में महिलाएं और कांग्रेसी पार्षद नगर निगम प्रदर्शन करने पहुंच गए। उनके साथ बेसहारा पशु थे, जिनके गले में हमारी समस्या का समाधान कब होगा लिखी तख्तियां लटकी हुई थी। पुलिस ने पशुओं और भीड़ को निगम गेट पर रोक दिया। परन्तु कुछ महिलाएं अंदर आमसभा चल रहे सदन तक पहुंच गई। ऐसे में पुलिस ने उन्हें सदन हॉल से जबरन बाहर निकाला। बाद में महिलाओं ने पुलिस कर्मियों पर बदसलूकी के आरोप लगाए और निगम के बाहर धरना शुरू कर दिया।
आमसभा चलती रही और बेसहारा पशुओं के मुद्दे पर सात दिन में अस्थाई समाधान और महीनेभर में स्थाई समाधान का प्रस्ताव पारित हुआ। इसमें बेसहारा पशुओं को रखने के लिए मिली जमीन की चारदीवारी कराने का प्रस्ताव भी पारित हुआ। बाद में मुक्ताप्रसाद कॉलोनी का मुद्दा उठाया गया। काफी देर हंगामे के बाद निगम ने मुक्ताप्रसाद कॉलोनी को अपने अधीन लेने का प्रस्ताव सहमति से पारित किया।
आवारा पशुओं और बेहाल गायों की दशा को लेकर प्रदर्शन
बीकानेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने अध्यक्ष यशपाल गहलोत के नेतृत्व में आवारा पशुओं और बेहाल गायों की दशा को स्थानिय प्रशासन के सामने लाने हेतु एक प्रदर्शन स्थानीय कीर्ति स्तभ से नगर निगम कार्यालय के आगे किया गया। प्रदर्शन में शहर में घुमरहे गोवंश को भी साथ लिया गया जिसकी सुध ना तो नगर निगम प्रशासन ले रहा ना ही जिला प्रशासन इनके रहने की माकूल व्यवस्था करवा रहा इससे उद्धलित होकर आज जिला कांग्रेस ने साधारण सभा से पूर्व प्रदर्शन किया, ताकि इस साधारण सभा में गौवंश के लिए कोई उचित निर्णय हो सके। लेकिन नगर निगम के मुख्य द्वार पर पुलिस बल तैनात करते हुए निगम के अन्दर जाने वाले द्वार को जबरन बन्द कर दिया गया और प्रदर्शन में शामिल गौवंश को पुलिस द्वारा लाठियों से खदैड़ा गया। इतना ही नहीं शान्ति पूर्ण तरिके से प्रदर्शन कर रहे जिला कांग्रेस के पदाधिकारियों और जन प्रतिनिधियों पर भी पुलिस ने जबरदस्ती की और उन्हें निगम कार्यालय में नहीं जाने दिया। जिला कांग्रेस के पदाधिकारी मुख्य द्वार के आगे ही सरकार व पुलिस प्रशासन की कार्यवाही के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इसके बाद प्रदर्शन में शामिल महिलाओं पर पुरुष पुलिस के द्वारा बदसलूकी-धक्का-मूक्की और लाठिया बरसायी गयी जो कि लोकतंत्र को शर्मशार करने वाली घटना है।
नगर निगम कार्यालय के आगे ही धरने पर बैठे कांग्रेसजनों को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष यशपाल गहलोत ने कहा कि ऐसा लगता है कि यह शासन अग्रेजों के शासन से भी बदतर है। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन द्वारा जबरन जनता की आवाज को दबाया जा रहा है। जो कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं। गांधीवादी तरीक से प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसजनों पर जबरन पुलिसिया कार्यवाही की कड़े शब्दों में भत्र्सना करते हुए यशपाल गहलोत ने कहा कि कांग्रेस के लोग उनके अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रहे थे जो बोल नहीं पाते। बड़ी शर्मनाक स्थिति है कि पूरे देश में गाय माता के नाम पर राजनीति करने वालों के राज में गाय माता और गौवंश का बुरा हाल है। इनसे सडक़ों पर बेहाल गौवंश और रोजाना सडक़ दुर्घटना में मारी जाने वाली गाय के लिए कोई सरोकार नहीं है।
गहलोत ने कहा कि अगर जल्द ही बीकानेर शहर से सडक़ों पर आवारा घुम रहे गौवंश व बेसहारा गाय मता के लिए निगम प्रशासन ने उचित प्रबन्धन नहीं किया तो जिला कांग्रेस कमेटी इन्हें बचाने के लिए हर संभव कार्यवाही को अनजाम देगी। गहलोत ने आरोप लगया कि कांग्रेस सरकार के समय में बेसहारा गायों के लिए गौशाओं को अनुदान दिया जाता रहा लेकिन भाजपा सरकार ने आते ही सबसे पहले इसपर रोक लगाई। इतना ही नहीं सरकार द्वारा संचालित गौशालाओं में भ्रष्टाचार और लापरवाही के चलते हजारों गायें बे मौत मारी गई और यह सरकार दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही तक नहीं कर पायी इससे यह शाबित होता है कि भाजपा का गाय का नारा भी भगवान राम की तरह मात्र सता प्राप्ति का हथियार है।
आज के इस प्रदर्शन में प्रदेश सचिव जिया उर रहमान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कन्हैयालाल कल्ला, मासूक अहमद, हीरालाल हर्ष, श्रीलाल व्यास, मुकेश राजस्थानी, हारून राठौड़, मोहिनी देवी, उपाध्यक्ष दिलीप बांठिया, हजारी देवड़ा, अयूब सौढ़ा, शकिला बानो, महासचिव ललित तेजस्वी, नन्दलाल जावा, आनन्द जोशी, सुभाष स्वामी, हरिशंकर नायक, कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल, सचिव पाबूराम नायक, देवेन्द्र बिस्सा, मनोज किराडू, हसनअली, शिवकुमार गहलोत, धनराज गोदारा, राहुल जादूसंगत, विकास तंवर, राजेश दाधिच, श्रीमती राजभटनागर, चन्द्रशेखर चांवरिया, अब्दुल रहमान लोदरा, महेन्द्र सिंह बडग़ुजर, टिकूराम मेघवंशी, श्यामकुमार तंवर, मो. फारूक, मनोज चौधरी, धूड़ाराम नायक, हाजी खाँ, फिरोज भाटी, मयंक गहलोत, एजाज पठान, करणीसिंह राजपुरोहित, यूथ कांग्रेस लोकसभा अध्यक्ष बिसनाराम सियाग, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष आजम अली, महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुनिता गौड़, कार्यकारिणी सदस्य राजुदेवी व्यास, ज्ञानप्रकाश बारासा, जाकिर पठान, किशन पंवार, पूर्व महासचिव आनन्द सिंह सौढ़ा,देहात महिला अध्यक्ष शशिकला राठौड़, पूर्व सचिव सुमित कोचर, नगर निगम नेता प्रतिपक्ष जावेद पडि़हार, पार्षद सहाबुदीन भूटो, यूनिस अली, नन्द किशोर गहलोत, मो. अखतर कलिम, मो. अनवर, वाहीदा खातुन, यशपाल सिंह, आदर्श शर्मा, मो. शमिउल्ला, ममताज बानो, हबिबा चौधरी, शबनम बानो, अमरजीत कौर, आशादेवी स्वामी, संध्या द्विवेदी, राधा भार्गव, बजरंग, रविकांत, बलराम नायक, मो. फारूक, सुखदेव जावा, भीखाराम कड़ेला, गोर्धन सेवग, प्रवक्ता नितिन वत्सस शामिल थे। प्रदर्शन में शामिल कांग्रेसजन गौवंश के लिए ‘सता के लिए बनाया हमें माता-उन्हीं के राज में हमें काटा जाता।’, ‘मरती गाय करती करुणा पुकार-अबतो सुनलों भाजपा सरकार’, गौवंश के अत्याचारी छा गये-अनुदानीत चारा भाजपाई खा गये।’, ‘सडक़ों पर आवारा हम हुए बेहाल-सौगंध खानेवाले हुए मालामाल।’, छत्तीस करोड़ देवी-देवता हममें पाये जाते-हमारा नाम लेने वाले आधुनिक कत्लखाने बनवाते जाते।’, हमारे नाम पर जिन्होंने सता पाई है-अनुदानित तलवारें हमारी गर्दन पर चलवायी है।’, ‘यातो हमें दो कोई गौशाला का सहारा-वरना अबकी बार भूलजाना हमारा नारा।’, ‘ये कैसे अच्छे दिन हमारे आ गये-राम के बाद देखों ये हमें भी बिसरा गये।’, ‘अब तो कुछ शर्म करलो मेरे लाल-सडक़ों पर तडफ़ रहीं हम बेहाल।’ सरिखे नारे कांग्रेसजन गायमाता के लिए लगा रहे थे।
पुलिस कार्यवाही के खिलाफ शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने सर्वसहमती से निन्दा प्रस्ताव पास किया।