

बीकानेर । लोकगीत राजस्थान की पहचान है और हम सबकी संस्कृति और जीवन का अभिन्न और आवश्यक अंग भी है। लोकगीत हमें जीवन में संस्कारों की सीख देते हुए जीवन को सुस्ंकारित करने की प्रेरणा देते है यह कहना था वरिष्ठ साहित्यकार शिवराज छंगाणी का। छंगाणी आज मूमल म्युजिक ग्रुप की ओर से ओझा सत्संग भवन में पुष्करणा सावा के उपलक्ष में सगाई सूं विदाई रा गीत पुस्तक का विमोचन करते हुए अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
वरिष्ठ साहित्यकार, शिवराज छंगाणी, उपमहापौर अशोक आचार्य, समाजसेवी राजेश चुरा, पार्षद दुलीचंद सेवग, पार्षद नरेश जोशी, ज्योतिषाचार्य प्रहलाद ओझा, के आतिथ्य में आयोजित सगाई सूं विदाई रा गीत पुस्तक विमोचन समारोह की जानकारी देते हुए ग्रुप सचिव अशोक रंगा ने बताया की विमेाचन समारोह में मंचासीन अतिथियों ने अपने उद्बोधन में इस कार्य को परम्परा को आगे बढ़ाने का माध्यम बताया वहीं अतिथियों ने समाज के विकास में युवाओं को आगे आकर संस्कृति का निर्वहन करने की प्रेरणा भी दी। उल्लेखनीय है कि इस पुस्तक में सगाई से लेकर विदाई तक के विवाह गीतों का संकलन करते हुए ५५ गीतों को संग्रहित किया गया है। विमोचन समारोह के समापन पर उपस्थितजनों का आभाार सुशील जोशी ने किया। इस मौके पर भंवरलाल पुरोहित, मुरलीधर व्यास, आर.के.सुरदासाणी, किशन किराडू, राम जी व्यास, मुरली ओझा, ईश्वर महाराज, देवकिसन व्यास सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे।