पशुपालकों को वैज्ञानिक शिक्षण से पशु उत्पादन बढ़ाया जा सकता हैः वन मंत्री
पशुपालकों को वैज्ञानिक शिक्षण से पशु उत्पादन बढ़ाया जा सकता हैः वन मंत्री
पशुपालकों को वैज्ञानिक शिक्षण से पशु उत्पादन बढ़ाया जा सकता हैः वन मंत्री

वेटरनरी विश्वविद्यालय में उन्नत पशुपोषण पर पशुपालक शिक्षण शिविर का समापन
बीकानेर । वन, पर्यावरण एवं खान मंत्राी राजकुमार रिणवा ने कहा कि राज्य में पशुधन किसान का मित्र है जिसने विपरीत परिस्थितियों में भी साथ देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सम्बल दान किया है। कृषकों और पशुपालकों को वैज्ञानिक रूप से शिक्षणा देकर पशुधन उत्पादन को बढ़ाने की क्षमता का विकास किया जा सकता है।
रिणवा शुक्रवार को वेटरनरी विश्वविद्यालय के सभागार में चूरू जिले से आए कृषकों और पशुपालकों के दो दिवसीय शिक्षण शिविर के समापन समारोह में मुख्य अतिथि रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने पशुधन चारा संसाधन, प्रबंधन एवं तकनीक केन्द्र द्वारा हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से हरा चारा उत्पादन और उन्नत पशुपोषण विषय पर 52 पशुपालकों को सफल शिक्षण के समापन पर प्रमाण पत्रा प्रदान किए। वन मंत्राी ने कहा कि राज्य में वर्षा और कुंओं पर आधारित कृषि तथा अकाल जैसी परिस्थितियों में पशुधन ने हमारा साथ दिया है। राज्य में देशी गौवंश, भेंड, बकरी से प्राप्त पशु उत्पाद उत्तम गुणवत्ता के हैं। सरकार द्वारा देशी गौवंश के समुचित विकास तथा कृषि क्षेत्रा में फव्वारा और बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिससे राज्य के कृषक और पशुपालकों को बड़ा सम्बल मिल रहा है। इस अवसर पर उन्होंने पशुधन चारा संसाधन प्रबंधन एवं तकनीक केन्द्र द्वारा पशुपालकों के लिए तैयार उन्नत पशुपोषण प्रशिक्षण संदर्शिका और टी.वी.सी.सी. राजुवास की “पशुचिकित्सा के नए आयाम” की पुस्तिकाओं का विमोचन किया।
समारोह के विशिष्ट अतिथि वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने देश में कौशल विकास प्रशिक्षण में राज्य को बढ़त दिलाई है। इस कार्य में वेटरनरी विश्वविद्यालय भी पीछे नहीं है। 17 जिलों में स्थित विश्वविद्यालय के विभिन्न संस्थानों और संस्थाओं के माध्यम से पशुपालन से कृषकों और पशुपालकों की घरेलू आय में वृद्धि के लिए 50 क्षेत्रों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। विश्वविद्यालय का लक्ष्य है कि आगामी 10 वर्षों में प्रतिवर्ष 20 हजार पशुपालक और कृषकों को पशुपालन संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए सामर्थ्यवान बनाया जाए। पशुपालन के नवीन तकनीकी ज्ञान के प्रसार के साथ-साथ युवाओं के लिए विशेष शिक्षण कार्यक्रम भी शीघ्र शुरू किये जायेंगे। इसके लिए युवाओं को ऑनलाईन आंमत्रित कर पशुपालन में कौशल युक्त बनाया जाएगा।
समारोह में डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया, पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. आर.पी. नायक मंचासीन थे। समापन समारोह में मोहन सुराणा, उम्मेद सिंह राजपुरोहित, श्याम सिंह हाडला, पूर्व पार्षद अरविंद किशोर आचार्य और सलीम भाटी सहित विश्वविद्यालय के डीन-डायरेक्टर, फैकल्टी सदस्य भी मौजूद थे। वेटरनरी कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. त्रिभुवन शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।

वेटरनरी में एन.सी.सी. कैडेट्स के लिए “मैक इन इन्डिया” का सीधा प्रसारण कार्यक्रम 16 जनवरी को
वेटरनरी कॉलेज 1-राज आर.एण्ड वी. एन.सी.सी. स्क्वाड्रन द्वारा 16 जनवरी को प्रातः 9 बजे वेटरनरी ऑडिटोरियम में “मैक इन इन्डिया” कार्यक्रम का सजीव प्रसारण एन.सी.सी. कैडेट्स के लिए किया जाएगा। कमान अधिकारी कर्नल प्रदीप पूनिया ने बताया कि इस अवसर पर आयोजित समोराह में वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कर्नल (डॉ.) ए.के. गहलोत एन.सी.सी. कैडेट्स को आर्मी अटैचमेन्ट कैम्प तथा एन.आई.सी. कैम्प के प्रमाण पत्रों का वितरण करेंगे।