OmExpress News / New Delhi / भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को निधन हो गया। पूर्व राष्ट्रपति के निधन की जानकारी उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर दी है। बता दें कि वह दिल्ली स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती थे, उनके फेफड़ों में संक्रमण की वजह से सेप्टिक शॉक की स्थिति पैदा हो गई थी। (Pranab Mukherjee Died)
प्रणब मुखर्जी की इस महीने ब्रेन सर्जरी हुई थी, जिसके बाद वह गहरे कोमा में चले गए थे। प्रणब मुखर्जी बीते करीब 20 दिन से दिल्ली कैंट के आर्मी अस्पताल (R&R) में भर्ती थे, उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी है। उन्होंने लिखा, डॉक्टरों के प्रयास और देश की दुआओं के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।
With a Heavy Heart , this is to inform you that my father Shri #PranabMukherjee has just passed away inspite of the best efforts of Doctors of RR Hospital & prayers ,duas & prarthanas from people throughout India !
I thank all of You 🙏— Abhijit Mukherjee (@ABHIJIT_LS) August 31, 2020
बंगाल के बीरभूम जिले में हुआ था जन्म
बता दें कि देश के 13वें राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुआ था। 84 साल की उम्र में प्रणब मुखर्जी ने दुनिया को अलविदा कह दिया। लंबे वक्त तक कांग्रेस से जुड़े रहे प्रणब दा वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और राष्ट्रपति पद पर काबिज रह चुके हैं। प्रणब मुखर्जी के पिता किंकर मुखर्जी भी देश के स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल रहे।
यहां से की थी पढ़ाई
भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सूरी विद्यासागर कॉलेज से पढ़ाई के बाद पॉलिटिकल साइंस और इतिहास में एमए किया। इसके अलावा उन्होंने एलएलबी की भी डिग्री हासिल की। प्रणब के बेटे अभिजीत मुखर्जी कांग्रेस के सांसद रहे हैं और उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी नृत्यांगना होने के साथ-साथ दिल्ली कांग्रेस की नेता भी हैं।
पांच दशक पुराना संसदीय कैरियर
उनका संसदीय कैरियर करीब पांच दशक पुराना है, जो 1969 में कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सदस्य के रूप में (उच्च सदन) से शुरू हुआ था। वे 1975, 1981, 1993 और 1999 में फिर से चुने गये। 1973 में वे औद्योगिक विकास विभाग के केंद्रीय उप मन्त्री के रूप में मन्त्रिमण्डल में शामिल हुए। प्रणब मुखर्जी 1969 में इंदिरा गांधी की मदद से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य चुने गए।
इंदिरा गांधी के बेहद खास
जल्द ही वह इंदिरा गांधी के बेहद खास हो गए और 1973 में कांग्रेस सरकार के मंत्री भी बन गए। 1984 में आपातकाल के दौरान कांग्रेस के कई अन्य नेताओं की तरह प्रणब मुखर्जी पर भी ज्यादती करने के आरोप लगे। एक समय ऐसा भी कि प्रणब मुखर्जी ने कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी राष्टीय समाजवादी कांग्रेस पार्टी बनाई। हालांकि, 1989 में ही इस पार्टी का विलय कांग्रेस में हो गया।