नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी थर्ड पार्टी मैन्युफैक्चरिंग आईफोन बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन भारत में अगले पांच साल में 5 अरब डॉलर ( करीब 31 हजार करोड़) का इन्वेस्टमेंट करेगी। कंपनी पुणे में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाएगी। कंपनी ने शनिवार को महाराष्ट्र सरकार के साथ एग्रीमेंट किया। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाली ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन महाराष्ट्र में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए अगले पांच साल में पांच अरब डॉलर का निवेश करेगी। इसके तहत फॉक्सकॉन को प्लांट लगाने के लिए 1,500 एकड़ जमीन दी गई है। ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन आईफोन, आईपैड, प्लेस्टेशन जैसे प्रोडक्ट बनाती है। एप्पल के लिए आईफोन बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन के भारत में बड़ा निवेश करने की खबर मेक इन इंडिया अभियान के लिए बड़ा बूस्ट साबित हो सकता है।
50 हजार लोगों को मिलेगा एम्प्लॉयमेंट
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस समझौते के बाद कहा कि फॉक्सकॉन पुणे में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाएगी। इतना ही नहीं, इससे करीब 50 हजार लोगों को एम्प्लॉयमेंट भी मिलेगा। फडणवीस ने कहा, ”इस एग्रीमेंट से पुणे देश का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक हब बन जाएगा। फॉक्सकॉन की एंट्री से फॉरेन इन्वेस्टर्स की दिलचस्पी बढ़ेगी। ज्यादा से ज्यादा इन्वेस्टर्स भारत आएंगे।” चीन की यात्रा के दौरान फडणवीस ने फॉक्सकॉन के अफसरेां को भारत आने का न्यौता दिया था।
भारत के हर राज्य में फैक्ट्री खोलना चाहती है कंपनी
फॉक्सकॉन ने कहा कि वह अगले 10 साल के दौरान भारत के हर राज्य में एक फैक्ट्री खोलना चाहती है। फॉक्सकॉन के चेयरमैन टेरी गो ने कहा, ”महाराष्ट्र में फैसिलिटी बनाने के लिए लोकल पार्टनर की खोज की जा रही है। टाटा संस, टीसीएस और शपोरजी पल्लोनजी जैसी कंपनियों से बात हुई है।” कंपनी ने कहा कि वह भारत में मैन्युफैक्चरिंग करने और सप्लाई चेन बनाने के लिए मौके तलाश रही है। इसके अलावा कंपनी लोकल ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ बिजनेस करने की भी प्लानिंग कर रही है। कंपनी स्नैपडील और माइक्रोमैक्स के साथ काम कर रही है। हालांकि , कंपनी ने साफ किया वह अडानी इंटरप्राइसेस के साथ अगला ज्वॉइंट वेंचर करेगी।
पहले फेज में स्मार्ट डिवाइसेस बनाने की प्लानिंग
फॉक्सकॉन ने कहा कि महाराष्ट्र में हमारा प्लांट प्रोडक्शन, इनोवेशन और रिसर्च एंड डेवलपमेंट बेस के तौर पर काम करेगी। हम पहले फेज में घरेलू स्तर पर स्मार्ट डिवाइसेस की मैन्युफैक्चरिंग करेंगे। भारत में स्पेक्ट्रम पर काफी पैसे खर्च किए गए हैं। यहां 4जी के लिए कारोबारी माहौल बनाने की जरूरत है। कंपनी ने कहा कि भारत में बड़े पैमाने पर यंग टैलेंट मौजूद है। हम उन्हें ट्रेनिंग देने की सोच रहे हैं।