नई दिल्ली । मानसून सत्र में जीएसटी बिल के पारित होने का रास्ता साफ हो गया है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने अपनी कुछ मांगें रखी थीं जिसे सरकार ने मान लिया गया है। कांग्रेस की रजामंदी के बाद सरकार जीएसटी बिल को अगले सप्ताह राज्यसभा में पेश कर सकती है।
इसके पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक जल्दी पारित करने का मंगलवार को आहवान करते हुए कहा कि इससे राज्यों को सेवा कर में भी हिस्सेदारी मिल सकेगी।
उल्लेखनीय है कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार सेवा कर में राज्यों को हिस्सेदारी नहीं मिलती है। जेटली ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में कहा कि 14वें वित्त आयोग के अनुसार सेवा कर राज्यों के साथ साझा नहीं किए जाते। उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी आप जीएसटी पारित कर लेंगे, राज्यों के लिए उतना ही अच्छा होगा और उन्हें सेवा कर में हिस्सेदारी मिल सकेगी।
उन्होंने केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी बढाकर 50 प्रतिशत किए जाने के सवाल पर कहा कि 14वें वित्त आयोग की अवधि 2020 तक यह 42 प्रतिशत ही रहेगा। उन्होंने कहा कि 13वें वित्त आयोग में यह हिस्सेदारी 32 प्रतिशत थी।
कुछ राज्यों को कम राशि मिलने की शिकायत पर जेटली ने कहा कि 13वें वित्त आयोग के आखिरी साल और 14वें वित्त आयोग के पहले साल की तुलना किए जाने से स्पष्ट होगा कि राज्यों को।,88,000 करोड़ रूपए अधिक मिले हैं। उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग के तहत हर राशि को पहले की अपेक्षा ज्यादा पैसे मिलने हैं।