समारोह की मुख्या अतिथि भारत सरकार में फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति व अध्यक्षता विश्वविख्यात मोटिवेसनल गुरु, फिल्म डायरेक्टर व प्रोडूसर पद्मश्री मधुर भंडारकर ने की।
किये गए उत्कर्षः काम पर मिले अवार्ड से प्रेरणा मिलती हैं : मधुर भंडारकर
मधुर भंडारकर ने कहा की मेने बहुत ज्यादा संघर्ष किया, मैं विडिओ कैसेट्स की दूकान चलाता था, तब मेने बहुत समय तक घर घर जाके विडिओ कैसेट्स भी बेचीं लेकिन सपना था की में भी डायरेक्टर बनु, फिल्म बनाउ। मुझे पता था की में ख़राब एक्टिंग करता हूँ लेकिन मित्रता के कारन “रंगीला ” फिल्म में मुझे छोटा रोल मिला और इसी फिल्म में मैँ सहायक निदेशक भी था।
मेरा मानना हैं की काम कोई भी छोटा बड़ा नहीं होता, काम काम होता हैं उसे पूर्ण लगन और ईमानदारी से करना चाहिए। अगर आपके काम के लिए आपको अवार्ड मिल जाता हैं तो बहुत प्रेरणा मिलती हैं। बहुत से लोगों के मन में होता हैं की एक अवार्ड तो मिले लेकिन वो लोग भागयशाली होते हैं जिन्हे सम्मान, अवार्ड मिलते हे. ये अवार्ड ही आपका परिचय हैं।
एमएसएमई इंडस्ट्रीज का भी देश के अर्थतंत्र में बहुत बड़ा योगदान हैं : साध्वी निरंजन ज्योति
श्री रामजी जब लंका विजय के लिए पुल का निर्माण कर रहे थे तो उस समय एक छोटी सी गिलहरी भी अपने छोटे छोटे हाथो से बार बार रेत उस समंद्र में डाल रही थी। तब लोगों ने पूछा की तुम क्या कर रही हो गिलहरी ने कहा की में भी पुल बनाने में मदद कर रही हूँ। लोगों ने हसी में कहा एक छोटी गिलहरी क्या मदद करेगी। तब रामजी ने कहा गिलहरी से कितनी मदद मिलेगी यह महत्वपूर्ण नहीं हैं लेकिन उसकी सेवा कार्य की भावना बहुत महत्वपूर्ण हैं। मेरा मानना हैं की छोटे छोटे उद्योगों, कल कारखानों का देश के विकाश में, अर्थतंत्र में बहुत योगदान हैं, यही वह क्षेत्र हैं जिसमे गाँव की अनपढ़ महिलाएं भी मेहनत कर अपना परिवार स्वाभिमान से पालती हैं।