ओम एक्सप्रेस न्यूज बीेेकानेर। किसान लोकमिलन सम्मेलन में बीकानेर देहात कांग्रेस जिलाध्यक्ष महेन्द्र गहलोत, कोलायत विधायक भंवरसिंह भाटी, जिला प्रमुख सुशीला सिंवर, पांचू प्रधान मुनी देवी गोरछिया, पूर्व जिला प्रमुख मेधाराम महिया, पूर्व प्रधान भागूराम सहू, यूथ कांग्रेस के लोकसभा अध्यक्ष बिशनाराम सियाग, किसान कांग्रेस के अध्यक्ष जगदीश खीचड़, पीसीसी सदस्य किसनलाल मेधवाल, देहात महिला अध्यक्ष शशिकला राठौड, विधी प्रकोष्ठ अध्यक्ष ओमप्रकास भादू, ब्लॉक अध्यक्ष पूखराज गोदारा के नेतृत्व में जिले के जनप्रतिनिधी किसान भाई, कांग्रेस पधाधिकारी एवं सामाजिक संगठन से जुड़े हजारों लोग किसानों के हितों के लिए जयपुर पहुचे।
महेन्द्र गहलोत ने बताया कि आज किसानों का दुख दर्द बांटने के लिए नेता प्रतिपक्ष ने अपने सरकारी आवास पर किसानो का दुख दर्द समझा। नेता प्रतिपक्ष के यहां कर्जमाफी को लेकर राज्यभर से सभी विधानसभाओं से किसान पहुंचे। मौजुदा किसान विरोधी सरकार के खिलाफ में नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने 54 घंटे विधानसभा में धरना देकर भ्रष्ट लोकसेवको को बचाने वाले काले कानून को विधानसभा में पारित नहीं होने दिया। आयोजन में पहुंचे किसानों ने बताया कि बैंक कर्ज के चलते जीवन नरक बना हुआ है। बैंक कर्ज के चलते किसान की जमीन छीनी जा रही है। परिवार भूखे मर रहें है। सरकार न तो किसानों को फसलो का उचित मूल्य दे रही है और न ही कर्ज से राहत। ऐसे में किसान सरकार के बंद कानो में अपनी आवाज सुनाने के लिए नेता प्रतिपक्ष के आवास पहुंचे। नेता प्रतिपक्ष ने किसानो की जायज मांगो को विधानसभा में जोर सोर से उठाने व कर्ज माफी की घोषणा करवाने के लिए आरपार की लड़ाई लडऩे का आश्वासन दिया। आयोजन में प्रदेश भर से किसानों के साथ साथ कांग्रेस जनप्रतिनिधी पहुंचे।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार किसान विरोधी नीति वाली सरकार में किसान आर्थिक तंगी के चलते लगातार आत्महत्या कर रहे है। किसानों की फसलो को जमाखोरी द्वारा सरकार की गलत नीतियों के द्वारा हड़पा जा रहा है। आर्थिक तंगी के चलते किसानों को लागत मूल्य से कम में फसले जमाखोरो को बेचनी पड़ रही है।
प्रवक्ता ओमप्रकाश सैन ने बताया कि उपाध्यक्ष नारायणसिंह चारण, तुलसीराम गोदारा, चेतनराम सियाग, रविन्द्र कस्वां, हरीराम बाना, पूनमचन्द नेण, लक्ष्मण खिलेरी, मोहनलाल भादू राधा भार्गव, श्रीकृष्ण गोदारा, रामनिवास तर्ड, गणेशाराम दावां, मनोज मूण्ड, मुरली गोदारा, सहित बड़ी तादाद में किसान पहूचें।