नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी के विजय रथ को थामना राहुल गांधी के लिए आसान नहीं होने जा रहा है. 2019 के आम चुनावों की जंग में 1 साल से कुछ ज्यादा का ही समय बचा है, लेकिन सियासी दांव पेंच इसको ध्यान में रखकर तैयार किए जा रहे हैं. बीजेपी अपने तीर-तरकश को दुरुस्त कर रही है, तो राहुल गांधी अपने दांव पेंच आजमा रहे हैं
ऐसे में देश का मिजाज (मूड ऑफ द नेशन) समझने के लिए लेकिन आजतक की ओर से कराए गए सर्वे (अगर आज चुनाव हो) में एनडीए को बढ़त मिलती दिख रही है. सर्वे के मुताबिक 2019 में एक बार फिर नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए की सरकार बनने जा रही है. सर्वे में एनडीए को 309 सीटें मिलती दिख रही हैं, तो यूपीए का आंकड़ा बमुश्किल 100 के पार जाता दिख रहा है. हालांकि सर्वे में राहुल के लिए उम्मीद की एक किरण दिखाई देती है. और वो ये कि अगर राहुल विपक्षी एकता बनाने में कामयाब रहते हैं, तो मोदी की अगुवाई में एनडीए जादुई आंकड़े से दूर रह जाएगा. सर्वे के मुताबिक अगर आज लोकसभा चुनाव होते हैं, तो एनडीए को 40 फीसदी, यूपीए को 38 फीसदी और अन्य को 22 फीसदी वोट मिलेंगे. हालांकि इससे पहले किए गए सर्वे में 42 फीसदी वोट मिलने की बात कही गई थी यानी इस बार के सर्वे में एनडीए की लोकप्रियता में दो फीसदी की गिरावट आई है. सर्वे को ध्यान में देखें तो यह समझ आता है कि अगर राहुल गांधी ने विपक्ष यानी टीएमसी, बीएसपी और सपा को साध लिया, तो यूपीए के खाते में 38 फीसदी वोट आ जाएंगे. वोट का अंतर दो फीसदी रह जाएगा. इसी तरह अगर कांग्रेस के साथ टीएमसी, बीएसपी और सपा आ जाएं, तो यूपी के खाते में 202 सीटें आ सकती हैं, जबकि एनडीए के खाते में महज 258 सीटें और अन्य के खाते में 83 सीटें आएंगी. 258 सीटें लेकर भी एनडीए जादुई से दूर रह जाएगा. बता दें कि 543 सीटों वाली लोकसभा में बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 272 का है.
राहुल की लोकप्रियता में जबरदस्त उछाल गुजरात चुनाव के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता में जबरदस्त इजाफा हुआ है. इस दौरान नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की लोकप्रियता का अंतर 24 फीसदी कम हुआ है. सर्वे में यह बात भी सामने आई कि दक्षिण भारत और मुस्लिम बहुल इलाकों में आज भी इंदिरा गांधी ही सबसे लोकप्रिय नेता हैं.