ओम एक्सप्रेस न्यूज दिल्ली। अक्सर भैया दूज के मौके पर बहने भाइयों के घर पहुंचती हैं। इसे देखते हुए दिल्ली परिवहन की बसों में बहनों के लिए नि: शुल्क यात्रा की व्यवस्था की गई थी। इलाके में भैया दूज पूरे हर्षोल्लास से मनाया गया। किसी कारणवश बहनों के पहुंचने की संभावना नहीं देख भाई भी बहनों के यहां पहुंचे। भाइयों ने बहनों को उपहार दिया। भैया दूज पर तिलक लगा बहनों ने भाई की लंबी उम्र की कामना भी की। दिल्ली में शनिवार को भैया दूज हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर घरों में सुबह से ही उत्साह का माहौल था।

दिवाली पर जो बहनें अपने मायके में थीं, वे सुबह उठकर तैयार हो गई थीं। बाद में उन्होंने अपने-अपने भाइयों को तिलक लगाया और उनकी लंबी उम्र की कामना के साथ ही भाई की सलामती की दुआ मांगी। भाइयों के घर पहुंचने वाली बहनों की भीड़ दिन भर वाहनों में दिखी। इस दौरान बसें भरी हुई थीं। दिवाली बीतने के दूसरे दिन हर वर्ष भाई-बहन का त्योहार भैया दूज मनाया जाता है। इस दिन का बहनें लंबे समय से इंतजार करती रहती हैं। पश्चिमी दिल्ली में विशेषकर नजफगढ़, द्वारका, पालम, उत्तम नगर, तिलक नगर में शनिवार को इस त्योहार का उमंग दिखा।

इस दौरान घरों में भी विशेष पकवान बनाए गए थे। उधर, दूर-दराज में रहने वाली बहनों का देर शाम तक भाइयों के घर आना-जाना लगा हुआ था। पश्चिमपुरी निवासी रेणु ने बताया कि मैं अपने गांव में रहती हूं। इस बार दिवाली से पहले ही दिल्ली आ गई थी। काफी दिनों बाद भैयादूज के अवसर पर मेरे भाई आए। आज काफी अच्छा लगा। गांव में रहने के कारण हर बार मेरे भाई नहीं पहुंच पाते हैं। इस बार का भैयादूज हमारे लिए काफी अहम रहा। नीलम ने बताया कि भैया दूज के अवसर पर मेरे भाई दमन इस बार नहीं आ पाए। ऐसे में उन्हें फोन से ही भैया दूज की शुभकामनाएं दी। इसके अलावा घरों में छोटे-छोटे बच्चे सुबह से ही इस पर्व की तैयारी में जुट गए थे। सभी ने नए-नए कपड़े पहने थे। भाई ने बहन को गिफ्ट भी दिया। अनिल देवलाल ने बताया कि यह पर्व भाई बहन का सबसे बड़ा पर्व है। इसमें भारतीय संस्कृति की झलक मिलती है। इससे कम से कम एक बात तो जरूर होती है कि वर्ष में एक बार अपनी बहन से मिलने का मौका मिल जाता है।