चैप्टर ऑफ द इंस्टीट्यूट ऑफ कोस्ट एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया का उद्घाटन

बीकानेर। केन्द्रीय वित्त एवं कम्पनी मामलात राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि लागत लेखाकार संस्थान, बीकानेर की आर्थिक प्रगति में मील का पत्थर साबित होगा। बीकानेर में इन्वेस्टमेन्ट बढ़े, इसके लिए यह चैप्टर कुछ प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाएं, जिससे यहां रोजगार के अवसर बढ़ सके। वित्त राज्यमंत्री सोमवार को रानीबाजार स्थित होटल पार्क पैराडाइस में बीकानेर में बीकानेर-झुंझुनूं चेप्टर ऑफ द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउटेंट्स ऑफ इंडिया के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि आज जो चैप्टर शुरू हुआ है, उससे बीकानेर की आर्थिक प्रगति में इजाफा होगा। उन्होंने कहा सिरेमिक हब बीकानेर में ही बनेगा। इसके लिए संबंधित उद्यमी प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर भेजें, ताकि बीकानेर में रोजगार के अवसर बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि इस संस्थान के अभाव में 500 से एक हजार विद्यार्थियों को कॉस्ट अकाउन्ट की शिक्षा लेने के लिए बीकानेर से बाहर जाना पड़ता था। अब इनके यहां शिक्षा ग्रहण करने पर बीकानेर की जीडीपी में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि बीकानेर, झुंझुनूं, नागौर, नोखा, रतनगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, सरदारशहर, कोलायत, सीकर व हनुमागढ़ के बारहवीं पास विद्यार्थी लागत व प्रबंधन की प्रोफेशनल पढ़ाई बीकानेर में ही कर सकेंगे।
श्री मेघवाल ने देश की आर्थिक प्रगति की चर्चा करते हुए कहा भारत में ग्लोबल लीडर बनने की ताकत है और यह बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कॉस्ट एकाउंटेट्स ऑफ इंडिया एक नया चैप्टर आर्थिक विकास का वातावरण बनाने में सहभागी बने,जिससे देश विश्व को लीड कर सके।
वित्त राज्यमंत्री ने भुजिया सहित अन्य खाद्य उत्पादों में जीएसटी में कर के संबंध में पूछे गए प्रश्नों का जबाव देते हुए कहा कि 3 जून को जीएसीटी की रिव्यू काउसिंल की बैठक होगी, जिसमें इन उत्पादों पर टैक्स को लेकर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार जनता के हित में कार्य कर रही है, इसके लागू होने से व्यापारियों को कोई परेशानी नहीं होगी। अगर कहीं सुधार की जरूरत हुई, तो वह अवश्य किया जायेगा।
इस अवसर पर द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउटेंट्स ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा कि बीकानेर में इस संस्थान के खुलने से बड़ी संख्या में छात्र प्रवेश ले सकेंगे। यह राजस्थान का छठा तथा भारत का 96वां चैप्टर है। उन्होंने संस्थान का नाम बदलकर द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउटेंट्स ऑफ इंडिया करने की मांग की। इस पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यह मामला मंत्रलय में विचाराधीन है। भारत सरकार द्वारा नियुक्त काउंसिल सदस्य सुनील बहल ने कहा कि बीकानेर में सर्टिफिकेट इन अंकाउटिंग टेक्निशियन कोर्स की अच्छी संभावना है। इस कोर्स के विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर अधिक है।
द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउटेंट्स ऑफ इंडिया नॉर्दन रीजन के चैयरमेन रवि साहनी स्वागत भाषण दिया तथा कोषाध्यक्ष राजेन्द्र भाटी ने सभी का आभार व्यक्त किया। द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउटेंट्स ऑफ इंडिया के काउंसिल सदस्य एच पदमानाभन ने भी विचार रखे।

केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री को सोंपा जी.एस.टी. में संशोधन हेतु ज्ञापन 
जिला उधोग संघ के अध्यक्ष डी.पी.पच्चीसिया, सीमेंट उधोग से जुड़े महादेव चांडक, जगदीश डागा, दीपक राठी एवं उधोगपति सुभाष मित्तल ने प्रस्तावित जी.एस.टी. में संशोधन हेतु एक ज्ञापन केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को सोंपा ।
ज्ञापन में बताया गया कि राजस्थान राज्य में संचालित 55-60 मिनी सीमेंट प्लांट और गुजरात, जम्मू और कश्मीर, आंध्र प्रदेश, झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों में कई सैकड़ों हैं। हजारों लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार और राज्य को राजस्व का मुहैया कराते हैं। वर्तमान में जीएसटी की दर सीमेंट के लिए 28% है जो इस उधोग के अस्तित्व के लिए खतरा है क्योंकि इसमें 35-40 रुपये का अतिरिक्त बोझ होगा । मिनी सीमेंट यूनिट के लिए जीएसटी की दर को वर्तमान में 28% से 12% तक पुनर्विचार करें ताकि इस प्रतिस्पर्धा युग में बड़े सीमेंट इकाइयों में अपने अस्तित्व को बचाने में मदद मिलेगी और मोजाइक टाइल्स को प्रस्तावित GST में 5% से 28% करने के फेसले पर पुन: विचार किया जाए । मोजाइक टाइल्स जो कि पूर्णतया श्रमिक आधारित उत्पाद है और इनको 28% टेक्स स्लेब में ले लिया गया है जबकि वर्तमान में इन पर 5% कर लगता है और ये टाइल्स अधिकतर निम्न एवं मध्यम वर्ग के व्यक्ति काम में लेते है और प्रधानमंत्री आवास योजना में भी ये टाइल्स काम में आ रही है । वहीँ भुजिया पर प्रस्तावित जी.एस.टी. की दर को 12 की बजाय 5% की जाए और दाल को जिस प्रकार जी.एस.टी. से मुक्त रखा गया है उसी तरह ब्रांड के नाम पर उत्पन्न हुए असमंजस को दूर करते हुए ब्रांड नाम को भी जी.एस.टी. से मुक्त रखा जाए ।
इस पर केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री ने सभी सुझावों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर इनमे बदलाव करवाने का आश्वासन दिया ।