सूरत (योगेश मिश्रा) कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा सूरत के बिल्डर से जबरदस्ती करोड़ों रुपए के बिटकॉइन ट्रांसफर कराने के मामले में अहमदाबाद सीआईडी ने सोमवार को कई खुलासे किए। इसके बाद सूरत आयकर विभाग सक्रिय हो गया है। वह भी इस मामले की जांच करेगा। जांच में सूरत के कई और बिल्डर्स के नाम सामने आ सकते हैं। यदि काले धन के निवेश की जानकारी मिली तो इडी को भी जांच सौंपी जाएगी।
सूरत आयकर विभाग की डीआइ विंग इस मामले में बिल्डर शैलेष भट्ट के साथ पियूष सावलिया और धवल मावाणी से भी पूछताछ करेगी। आयकर विभाग के नियम 132-ए के तहत इन तीनों की रिटर्न फाइल में आय और संपत्ति संबंधी जानकारी की जांच की जाएगी। आय की जानकारी की अपेक्षा अधिक बिटकॉइन इनके पास होने पर विभाग इन पर कार्रवाई करेगा। उल्लेखनीय है कि इस मामले में करोड़ों रुपए के बिटकॉइन की हेर-फेर हुई है। सूरत के बिल्डर शैलेष भट्ट ने अपने अकाउंट से दूसरों के अकाउंट में तथा दूसरों के अकाउंट से अपने अकाउंट में करोड़ों रुपए के बिटकॉइन ट्रांसफर किए। यदि इन्होंने बैलेंस शीट में जानकारी छुपाई होगी तो आयकर विभाग दंड और ब्याज समेत करोड़ों रुपए की वसूली करेगा। फिलहाल आयकर विभाग सीआइडी क्राइम की फाइनल रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। यदि काले धन के निवेश की जानकारी मिली तो इडी को भी जांच सौंपी जाएगी।
सूरत में एक हजार करोड़ से अधिक का निवेशवर्ष 2009 में शुरू हुए बिटकॉइन का चलन सूरत में काफी ज्यादा था। वराछा, महिधरपुरा और सिटीलाइट जैसे क्षेत्रों के कई उद्यमियों ने इसमें निवेश कर रखा था। नोटबंदी के दिनों में कई बिल्डर्स ने करोड़ों रुपए बिटकॉइन में निवेश किए। बिटकॉइन में ज्यादा रिफंड मिलने के कारण कपड़ा और हीरा उद्यमियों ने भी इसमें बड़े पैमाने पर निवेश किया। एक अनुमान के अनुसार सूरत से 1000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश बिटकॉइन और अन्य डिजिटल करेंसी में किया गया।