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OmExpress News / नई दिल्ली / अगले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तमिलनाडु के ममल्लापुरम में मुलाकात होगी। लेकिन इस मुलाकात से पहले जिस तरह से जिनपिंग ने कश्मीर को लेकर बयान दिया है, उसके बाद भारत ने इसका विरोध किया है। दरअसल जिनपिंग ने कहा कि कश्मीर की स्थिति पर उनकी नजर है और वह पाकिस्तान के मूल हितों से संबंधित मुदक्दों पर उसका समर्थन करेंगे, जिसपर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पलटवार किया है। Xi Jinping Statement on Kashmir

रवीश कुमार ने कहा कि हमने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच बैठक की रिपोर्ट देखी है, जिसमे कश्मीर के मुद्दे का भी जिक्र है। रवीश कुमार ने साफ कहका है कि भारत का रुख बिल्कुल साफ रहा है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। चीन भी हमारी स्थिति से पूरी तरह से अवगत है। ऐसे में भारत के आंतरिक मसले पर दूसरे देश को बयान नहीं देना चाहिए। बता दें कि जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के बाद से लगातार पाकिस्तान इस मसले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठा रहा है, जिसका भारत पुरजोर विरोध कर रहा है।

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पाक-चीन वार्ता

गौरतलब है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और चीनी सैन्य नेतृत्व के बीच मंगलवार को कश्मीर मुद्दे पर चर्चा हुई। जनरल बाजवा ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के कमांडर आर्मी जनरल हान वीगुओ और केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के उपाध्यक्ष जनरल शू किइलियांग से मुलाकात की। इस दौरान दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय सुरक्षा वातावरण और पाकिस्तान-चीन रक्षा सहयोग पर चर्चा की। आईएसपीआर के बयान में बताया गया है कि सीओएएस ने कश्मीर के हालात पर चीनी सैन्य नेतृत्व को अवगत कराया है। Xi Jinping Statement on Kashmir

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जिनपिंग और मोदी की होगी मुलाकात

बता दें कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग 11-12 अक्‍टूबर को भारत आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनकी मुलाकात चेन्‍नई में होगी। ये उनका अनौपचारिक दौरा होगा। बुधवार को भारत सरकार के सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग के साथ होने वाली बैठक में कश्मीर मुद्दे पर कोई बात नहीं होगी लेकिन अगर चीन के राष्ट्रपति को इस मुद्दे को उठाते हैं तो इस पर चर्चा हो सकती है। Xi Jinping Statement on Kashmir