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JNU मामला : हड़ताल में शामिल शिक्षक, कांग्रेस ने की पत्रकारों-अध्यापकों पर हमले की आलोचना

नई दिल्ली । जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के शिक्षक आज देशद्रोह के मामले में विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष की गिरफ्तारी के विरोध में छात्रों द्वारा किए जा रहे कक्षाओं के बहिष्कार में शामिल हो गए और कहा कि वे विश्वविद्यालय लॉन में ‘राष्ट्रवाद’ पर कक्षाएं लेंगे। छात्र कल जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की रिहाई और उसके खिलाफ देशद्रोह का मामला हटाने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे । हमले का शिकार बने वाले जेएनयू शिक्षक रोहित आजाद ने कहा, ‘प्रशासन न केवल छात्रों, बल्कि शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रहा है और हम पर खुलेआम हमला किया जा रहा है जबकि कुलपति चुपचाप सब देख रहे हैं। सत्ता में बैठे कुछ लोगों के दुष्प्रचार के आधार पर पूरी दुनिया अब जेएनयू को राष्ट्र विरोधियों का गढ़ कह रही है। समय आ गया है कि हम अपने छात्रों को सिखाएं कि राष्ट्रवाद क्या है।’ हर शाम पांच बजे प्रशासनिक खंड के सामने ‘राष्ट्रवाद’ पर डेढ़ घंटे लंबा व्याख्यान देंगे।

जेएनयू शिक्षकों ने इससे पहले प्रदर्शनकारी छात्रों का समर्थन करते हुए परिसर में पुलिस की कार्रवाई को मंजूरी देने के विश्वविद्यालय प्रशासन के फैसले पर सवाल किया था। उन्होंने जनता से संस्थान को ‘राष्ट्र विरोधी’ ‘करार’ न देने की अपील की थी। हालांकि वे हड़ताल में शामिल नहीं हुए थे। कांग्रेस ने पटियाला हाउस परिसर में शिक्षकों एवं पत्रकारों पर हुए हमले की निंदा करते हुए इसे ‘फांसीवादी कृत्य’ बताया और आरोप लगाया कि एक भाजपा विधायक के नेतृत्व में भाजपा के गुंडे इस हमले में शामिल थे।

कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट की एक श्रृंखला में कहा, ‘अदालत परिसरों में जेएनयू छात्रों, शिक्षकों और पत्रकारों पर हमला फासीवादी कृत्य है और घोर निंदनीय है। क्या वे वकील थे?’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या बार कौंसिल और न्यायपालिका के लोग इस मामले की जांच करेंगे।’ कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने कहा, ‘ सीबीएफसी, एफटीआईआई, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय, जेएनयू और पाटियाला हाउस अदालत। फासीवादी ताकतें भारत मात्र की अवधारण को समाप्त करने के लिए हर संभव कोशिश करेंगी।’’ पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय कुमार ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘हिदुत्व विकास की राह पर है, यह कहना अब बेमानी हो गया है। हिचकिचाएं क्यों.. साफ बात बोलनी चाहिए.. वे भाजपा विधायक के नेतृत्व में भाजपा के गुंडे थे.. यह कहने में क्यों हिचकिचाएं कि वे वास्तव में क्या हैं।’’ पटियाला हाउस अदालत परिसर में कल उस समय हिंसा हुई थी जब विश्वविद्यालय के एक छात्र नेता की गिरफ्तारी पर छिड़े विवाद के मद्देनजर वकीलों के समूहों ने जेएनयू के छात्रों, शिक्षकों, पत्रकारों और अदालत के भीतर एवं बाहर अज्ञात लोगों को देशद्रोही बताते हुए उन पर हमला किया था। परिसर में मौजूद दिल्ली भाजपा के एक विधायक ओपी शर्मा भी वकीलों के उस समूह में शामिल हो गए जो एक व्यक्ति को पीट रहा था। इस व्यक्ति की पहचान माकपा कार्यकर्ता अमीक जमई के रूप में हुई है।