मुंबई। महाराष्ट्र में अब उन मदरसों को स्कूल नहीं माना जाएगा जिनमें गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषय नहीं पढ़ाए जाते। महाराष्ट्र में भाजपा नेतृत्व वाली फड़णवीस सरकार ने मदरसों को लेकर ये फैसला लिया है।
इस आदेश में सरकार ने कहा कि जो स्कूल राज्य सरकार द्वारा मान्य पाठ्यक्रम नहीं पढ़ाते हैं, उन्हें स्कूल के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी। इसलिए मदरसों तथा सिर्फ धार्मिक अध्ययन पर आधारित ऐसे ही अन्य संस्थानों में पढ़ने वाले बच्चों को विद्यार्थियों में शुमार नहीं किया जाएगा’ और मदरसों को नॉन स्कूल की श्रेणी में डाल दिया जाएगा।
इस फैसले के पीछे महाराष्ट्र सरकार की दलील है कि इससे मदरसे के बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा व्यवस्था में लाने में मदद मिलेगी। सरकार ने कहा कि मदरसों में धार्मिक शिक्षा दी जाती है नकि मुख्य धारा की शिक्षा। इसलिए सरकार मदरसे में पढ़नेवाले बच्चों की गिनती बतौर स्कूली छात्र नहीं करेगी।
साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को ‘आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रेन’ घोषित करने को कहा है। राज्य सरकार 4 जुलाई को इस सिलसिले में एक सर्वे में कराएगी ताकि ‘आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रेन’ की पहचान की जा सके और उन्हें मुख्य धारा की शिक्षा व्यवस्था में लाया जा सके। चार जुलाई से छात्रों की गिनती होगी और गिनती में मदरसा के छात्रों को शामिल नहीं किया जाएगा।