प्रयागराज। कुंभ मेले में अगला शाही स्नान 4 फरवरी को है. उस दिन मौनी अमावस्या है. लाखों की संख्या में भक्त उस दिन प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाएंगे. बता दें, यह माघ मास की अमावस्या है जिसे मौनी अमावस्या कहते हैं. मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है. इस बार मौनी अमावस्या को सोमवती अमावस्या का दुर्लभ संयोग होगा, जो कि लगभग पांच दशक बाद बन रहा है। इस मास को भी कार्तिक के समान पुण्य मास कहा गया है.
हिंदू शास्त्रों में मौनी अमावस्या का खास महत्व है. इसी वजह से लाखों भक्त इस दिन भगवान विष्णु और शिव जी की पूजा कर पूरे दिन व्रत रखते हैं. प्रयागराज में मौजूद पवित्र नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती में स्नान कर अन्न, वस्त्र, धन, गौ और भूमि का दान करते हैं. लेकिन इन सबसे खास इस व्रत का एक नियम है, जिसका पालन करना बहुत जरूरी होता है. अब तीसरा शाही स्नान 4 फरवरी को है.
हर बार की तरह इस बार भी स्नान में लाखों की संख्या में भक्त पहुंचने वाले हैं. सुबह-सुबह ब्रह्म मुहूर्त में तीर्थयात्री शाही स्नान कर अपने पाप धोएंगे. मान्यता है कि त्रिवेणी संगम में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं. कुछ भक्त अभी से प्रयागराज पहुंच चुके होंगे तो कुछ उसी दिन कुंभ में पहुंचेंगे।(PB)