प्रयागराज : कुंभ नगरी में आज निर्मोही अखाड़े ने 9 विदेशियों को महामंडलेश्वर घोषित किया विदेशी महामंडलेश्वरों का पट्टाभिषेक पूरे विधि विधान से कुंभ मेला क्षेत्र में हुआ. इस दौरान कई अखाड़ों के अध्यक्ष सैकड़ों साधु संत और विदेशी श्रद्धालु भी मौजूद रहे, महामंडलेश्वर बने विदेशी सन्त पिछले कई वर्षों से सनातन धर्म से जुड़े थे. और वर्षों की कठिन साधना और गुरु की सेवा के बाद सभी 9 विदेशी सन्तों को 108 महामंडलेश्वर की पदवी से नवाजा गया है. अमेरिका, लैटिन अमेरिका, फ्रांस, जापान और इजरायल से जुड़े विदेशी सन्तों को महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई है.
अलेक्जेंडर जॉन डीटमर को महामंडलेश्वर महंत 108 स्वामी अनन्त दास महाराज के नाम से जाना जाएगा, लीला मारिया अब महामंडलेश्वर महंत 108 ललिता श्री मां के नाम से जानी जाएंगी, एंडेर मौनोसमी अब महामंडलेश्वर महंत 108 जयेंद्र दास महाराज के नाम से जाने जाएंगे, जापान की ऱेक्यो अब महामंडलेश्वर महंत 108 राजेश्वरी मां के नाम से जानी जाएंगी, जैमी एलीन अब महामंडलेश्वर महंत 108 श्री देवी के नाम से जानी जाएंगी.
जोनाथन मिशेल अब महामंडलेश्वर महंत 108 जीवन दास महाराज के नाम से जाने जाएंगे, डॉरन शैनॉन अब महामंडलेश्वर महंत 108 दयानन्द दास के नाम से जाने जाएंगे, टेलर सैमुअल अब महामंडलेश्वर महंत 108 अब त्रिवेणी दास महाराज के नाम से जाने जाएंगे, पीटर मिशेल अब महामंडलेश्वर महंत 108 परमेश्वर दास महाराज के नाम से जाने जाएंगे, नवनियुक्त महामंडलेश्वर अब भारत मे या अपने देश मे आश्रम बनाकर सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार करेंगे, सभी विदेशी महामंडलेश्वर का कहना था कि वो सनातन संस्कृति से प्रभावित थे और और अब महामंडलेश्वर बनकर खुशी महसूस कर रहे हैं. कुल 10 विदेशियों को महामंडलेश्वर बनाया जाना था लेकिन 1 का वीजा नहीं हो पाया, जिसके बाद कुल 9 विदेशियों को महामंडलेश्वर बनाया गया.