उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 15 जनवरी से शुरू हो रहे ‘प्रयागराज कुंभ मेला 2019’ में 12 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है. उत्तर प्रदेश सरकार के एक मंत्री ने इस बात की जानकारी दी. उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा, “इस साल मेले में 12 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है. वहीं मौनी अमावस्या पर तीन करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की संभावना जताई जा रही है. इसके अलावा प्रतिदिन करीब 20 लाख तीर्थयात्रियों के साथ-साथ करीब 10 लाख विदेशी पर्यटकों के पहुंचने का अनुमान है.”उन्होंने कहा, “यह कुंभ देश के चार स्थानों पर आयोजित किया जाता है.
प्रयागराज में आयोजित किया जानेवाला कार्यक्रम अपने आप में देश और दुनिया के लिए आकर्षण और उत्सुकता का केंद्र है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए प्रयासों के पश्चात, यूनेस्को ने कुंभ को मानवता के अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों की सूची में शामिल किया है.” मंत्री ने कहा, “450 वर्षो के बाद पहली बार भक्तों को ‘अक्षय वट’ और ‘सरस्वती कूप’ में प्रार्थना करने का अवसर मिलेगा.” भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने ‘प्रयागराज कुंभ मेला 2019’ का प्रचार करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ सहयोग किया है.
कुंभ 2019 के लिए महाराष्ट्र का समर्थन प्राप्त करने के लिए शहरी विकास एवं संसदीय मामलों के मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से निमंत्रण प्रदान किया. खन्ना ने भारत सरकार द्वारा प्रयागराज में एक नए नागरिक हवाई अड्डे का निर्माण कर उड़ानों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि के प्रयासों का प्रदर्शन किया. प्रयागराज को वायु मार्ग के माध्यम से देश के कई मुख्य शहरों बेंगलुरू, इंदौर, नागपुर, पटना आदि से जोड़ा गया है.
यहां एक हेलीपोर्ट भी तैयार किया जा रहा है और पर्यटकों को हेलीकॉप्टर की सवारी की सुविधा प्रदान करने के लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं.कुंभ में देश के हर सांस्कृतिक संकाय का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए 30 विषयगत द्वारों, 200 से अधिक उच्च उत्तम दर्जे के सांस्कृतिक कार्यक्रमों, सांस्कृतिक विषयों पर लेजर शो, खान-पान के क्षेत्र, विक्रय क्षेत्र, प्रदर्शनियों और पर्यटकों की सैर की व्यवस्था की जा रही है. प्रमुख स्थानों पर विशाल लाइटिंग भी की जा रही है. इसके अलावा भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन करने के लिए ‘कला ग्राम’ और ‘संस्कृत ग्राम’ भी बनाए जा रहे हैं.(PB)