OmExpress News / New Delhi / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो किस्तों का ऐलान किया। पहली किस्त में लघु एवं कुटीर उद्योग के लिए मदद का ऐलान किया और आज दूसरी किस्त में प्रवासी मजदूरों और किसानों के लिए सरकार ने राहत का पिटारा खोला। हालांकि इसमें राजनीति भी शुरू हो गई। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक वीडियो ट्वीट कर केंद्र सरकार पर हमला किया है।(Rahul Gandhi Commented)
राहुल गांधी ने प्रवासी मजदूरों का एक मार्मिक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘अंधकार घना है कठिन घड़ी है, हिम्मत रखिए-हम इन सभी की सुरक्षा में खड़े हैं। सरकार तक इनकी चीखें पहुँचा के रहेंगे, इनके हक़ की हर मदद दिला के रहेंगे। देश की साधारण जनता नहीं, ये तो देश के स्वाभिमान का ध्वज हैं… इसे कभी भी झुकने नहीं देंगे।’
अंधकार घना है कठिन घड़ी है, हिम्मत रखिए-हम इन सभी की सुरक्षा में खड़े हैं। सरकार तक इनकी चीखें पहुँचा के रहेंगे, इनके हक़ की हर मदद दिला के रहेंगे। देश की साधारण जनता नहीं, ये तो देश के स्वाभिमान का ध्वज हैं… इसे कभी भी झुकने नहीं देंगे। pic.twitter.com/bBf48DiluY
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 14, 2020
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी आर्थिक पैकेज पर हमला बोला। उन्होंने लिखा, ‘श्रीमती निर्मला सीतारमन के आर्थिक पैकेज के दूसरे दिन की घोषणाओं का अर्थ -:“खोदा पहाड़, निकला जुमला”। सुरेजवाला ने इस आर्थिक पैकेज को जुमला बता दिया।
सरकार ने मजदूरों के लिए की ये घोषणाएं
वित्तमंत्री ने मनरेगा के तहत रोजाना औसत मजदूरी 182 रुपए से बढ़कर 202 रुपए की गई है। 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को फायदा होगा जो दूसरे राज्यों में रह रहे हैं और उनके पास राशन कार्ड नहीं है। ये प्रवासी एनएफएस के दायरे में नहीं हैं या राज्य के कार्डधारक नहीं हैं। गांवों से शहर की ओर पलायन करने वाले इन मजदूरों के पास अब दो वक्त की रोटी के लाले पड़े हैं।
श्रीमती निर्मला सीतारमन के आर्थिक पैकेज के दूसरे दिन की घोषणाओं का अर्थ -:
“खोदा पहाड़, निकला जुमला”,#JumlaPackage
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 14, 2020
वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि हमने राज्यों को आपदा राहत का इस्तेमाल करने की अनुमति दी। इसके जरिए 11,000 करोड़ रुपये की मदद की गई है। शेल्टर होम में तीन समय के भोजन की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा इस आपदा के वक्त 12000 सेल्फ हेल्प ग्रुप्स ने 3 करोड़ मास्क बनाए हैं। 1.20 लाख लीटर सैनिटाइजर बना गया है। इससे भी ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार मिला है।
रोजाना औसत मजदूरी 182 रुपए से बढ़कर 202 रुपए की गई
वित्त मंत्री ने बताया कि 13 मई तक मनरेगा के तहत 14.62 करोड़ लोगों को काम दिया गया। इसके माध्यम से करीब 10 हजार करोड़ रुपए की मदद की गई है। पिछले साल की तुलना में इस बार इसमें 40-50% नए लोग जोड़े गए हैं। वित्तमंत्री ने बताया कि मनरेगा के तहत रोजाना औसत मजदूरी 182 रुपए से बढ़कर 202 रुपए की गई है।
इसके अलावा राज्यों को भी सलाह दी गई है कि वे मजदूरों को काम दें। मानसून में भी मनरेगा मजदूरों से काम लिया जाएगा। न्यूनतम मजदूरी में भेदभाव खत्म करेंगे इसके अलावा मजदूरों का सालाना हेल्थ चेकअप होगा। इसके अलावा महिलाओं के लिए रात की शिफ्ट में काम करने पर सुरक्षा के लिए गाइडलाइन जारी की जाएंगी। सभी कर्मचारियों को पत्र मिलेंगे।