‘महेन्द्र जाजोदिया साहित्य पुरस्कार’ रवि पुरोहित को
 ‘महेन्द्र जाजोदिया साहित्य पुरस्कार’ रवि पुरोहित को
‘महेन्द्र जाजोदिया साहित्य पुरस्कार’ रवि पुरोहित को

बीकानेर । राजस्थान रत्नाकर, दिल्ली द्वारा राजस्थानी भाषा की श्रेश्ठ पुस्तक पर दिया जाने वाला इस वर्ष का ‘महेन्द्र जाजोदिया साहित्य पुरस्कार’ बीकानेर के कवि-कथाकार रवि पुरोहित को उनकी स़द्य प्रकाशित काव्य कृति ‘उतरूं ऊंडै काळजै’ के लिए दिया जाएगा । इस आशय की जानकारी देते हुए कृति के प्रकाशन संस्थान के अध्यक्ष श्याम महर्षि ने बताया कि पुरोहित की इस खूबसूरत कृति का पुरस्कार के लिए चयन समाज सेविका कमला सिंघवी, पद्मश्री शीला झुन्झुनूवाला, हास्य कवि पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा, संस्थापक संरक्षक ओ.पी. बागला और रमेष जैन के निर्णायक मण्डल ने सर्वसम्मति से किया ।

राजस्थान रत्नाकार के महामंत्री शंकर जयपुरिया ने बताया कि रविवार, 19 जुलाई 2015 को सायं 4 बजे फिक्की आॅडिटोरियम, नई दिल्ली में आयोज्य संस्था के वार्षिक समारोह में पुरोहित को यह पुरस्कार भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डाॅ. हर्षवर्धन, संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री डाॅ. महेश शर्मा और पूर्वमंत्री व राज्यसभा सांसद विजय गोयल के कर कमलों से प्रदान किया जाएगा । पुरस्कार में 25 हजार रूपये की नगद राशि, प्रशस्ति-पत्र एवं शाॅल ओढाकर श्री पुरोहित को सम्मानित किया जाएगा । संस्था के वार्षिक समारोह के अवसर पर आयोज्य विराट कवि सम्मेलन में भी श्री पुरोहित प्रताप फौजदार, अरूण जैमिनी, राजेष चेतन, गजेन्द्र सोलंकी, केशरदेव मारवाड़ी और मधुमोहिनी उपाध्याय जैसे लब्धप्रतिष्ठ कवियों के साथ सहभागिता निभाये्रगे । संवेदनषील कवि, प्रखर वक्ता और कुशल संपादक रवि पुरोहित की हाल ही में प्रकाशित यह पुरस्कृत कृति अपनी भाषा, विषय-वैशिष्ट्य और अलहदा  शिल्प के कारण काफी चर्चा में है ।  इसी साल प्रकाशित इस काव्य-कृति का पंजाबी, बांग्ला, गुजराती, हिन्दी, अंग्रेजी और सिंधी में अनुवाद कार्य भी देश के लब्धप्रतिष्ठ अनुवादकों द्वारा किया जा रहा है ।
लोक चेतना की त्रैमासिकी राजस्थली के प्रबंध संपादक और साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली के राजस्थानी भाषा परामर्श मण्डल के सदस्य पुरोहित को इससे पूर्व राजस्थान सरकार द्वारा उत्कृष्ट मौलिक लेखन पुरस्कार, राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर द्वारा भगवान अटलानी युवा लेखन पुरस्कार, राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर द्वारा बावजी चतरसिंहजी अनुवाद पुरस्कार, नगर विकास न्यास, बीकानेर द्वारा मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार एवं पीथळ पद्य पुरस्कार सहित देष-प्रदेश की 100 से अधिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित, पुरस्कृत एवं विभिन्न अलंकरणों व मानद उपाधियों से अलंकृत किया जा चुका है । हिन्दी-राजस्थानी में समान गति व अधिकार से लिखने वाले पुरोहित की अब तक विभिन्न विधाओं की 15 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है ।