बीकानेर। जिला कलक्टर आरती डोगरा ने कहा कि रेतीले धोरों पर कला व संस्कृति के संगम का आयोजन अपने आप में अनूठी मिसाल है। ऐसे आयोजनों से जहां एक ओर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा वहीं दूसरी ओर विभिन्न देशों के कलाकारों के मध्य सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी हो सकेगा।
डोगरा गुरूवार को बीकानेर के निकटवर्ती रायसर ग्राम में एक दिवसीय कला, साहित्य व संस्कृति दर्शाती प्रदर्शनी ‘रेगिस्तान कलर्स ऑन डेजर्ट’ के उद्घाटन अवसर पर बोल रही थीं। प्रदर्शनी में इटली के प्रख्यात कलाकार एन्जो मेरिनो के साथ पॉंच भारतीय कलाकारों ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया। डोगरा ने कहा कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से कलाकारों ने रेगिस्तान के विविध रंगों को उकेरा है। इटली के चित्राकार एन्जो मेरिनो द्वारा डेजर्ट थीम पर बनाए गए चित्रों में चित्राकार का रेगिस्तान के प्रति प्रेम झलकता है। उन्होंने कहा कि दक्ष व अनुभवी चित्राकारों को चित्रा बनाते देखना एक अद्भुत अनुभव है साथ ही नये चित्राकारों को भी इसके द्वारा प्रेरणा मिलेगी। लोक कलाकारों द्वारा लोक संगीत व सूफी संगीत की प्रस्तुति भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र रही।
कला का बेहतरीन प्रदर्शन – इस अवसर पर इटली के प्रख्यात चित्राकार एन्जो मेरिनो के साथ पॉंच भारतीय कलाकारों- आरती डोगरा व रौनक व्यास (फोटोग्राफी), श्रीगोपाल व्यास, डॉ. मोना सरदार, श्रीवल्लभ (चित्राकार) ने अपनी कला के माध्यम से उपस्थित दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया ।
जिला कलक्टर आरती डोगरा ने स्वयं द्वारा खींचे गए फोटोग्राफ्स के माध्यम से राजस्थान के विविध पर्यटन स्थलों को खूबसूरती से दर्शाया। डोगरा ने बताया कि उन्होंने अपने फोटोग्राफ्स को पहली बार किसी प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया है। फोटोग्राफी उनकी हॉबी है तथा खाली समय में वे फोटोग्राफी करना पसन्द करती हैं।
एन्जो मेरिनो ने डेजर्ट थीम पर बनाए 12 चित्रों में रेगिस्तान के विविध दृश्य, पुरूष महिला आदि को मनमोहक रूप से चित्रित किया । श्रीगोपाल व्यास ने एब्सटेªक्ट आर्ट की पेंटिंग्स प्रदर्शित की। रौनक व्यास ने अपने फोटोग्राफ्स के द्वारा रेगिस्तान के विविध दृश्य प्रस्तुत किए। मोना सरदार ने कुरेचन कला के माध्यम से व श्रीवल्लभ ने ‘चींटी थीम’ के विभिन्न चित्रों द्वारा दर्शकों को आकर्षित किया।
इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में सूफी गायक नियाज हसन व फायर ब्रीदिंग आर्टिस्ट राजवीर ने भी अपनी कला का जादू बिखेरा। आयोजन समन्वयक रौनक व्यास ने बताया कि इस अवसर पर आयोजित कार्यशाला में विद्यार्थियों को चित्राकला के गुर सिखने का अवसर मिला, वहीं रायसर के टीलों पर पर्यटकों व स्थानीय निवासियों ने कैमल सफारी का लुत्फ भी उठाया। उन्होंने बताया कि राजू डेजर्ट कैम्प द्वारा आयोजन स्थल उपलब्ध करवाया गया तथा फ्री इन्टरनेशनल आर्टिस्ट्स संस्था का भी आयोजन में सहयोग रहा।
इस अवसर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी आलोक रंजन, रामपुरिया कॉलेज की प्राचार्या शुक्लाबाला पुरोहित, योगेन्द्र पुरोहित सहित विभिन्न कलाकार, पत्रकार, पर्यटक भी उपस्थित थे।