शरद पूर्णिमा अन्य सभी पूर्णिमा से अधिक महत्व की होती है। कहा जाता है इस दिन चंद्रमा से अमृक की वर्षा होती है। इस दिन धन प्राप्ति व रोग मुक्ति के लिए किए गए उपाय बहुत ही कारगार साबित होते हैं। इस दिन विशेष प्रयोग करके बेहतरीन सेहत, अपार प्रेम और खूब सारा धन पाया जा सकता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था। इसलिए धन प्राप्ति के लिए यह तिथि सबसे उत्तम मानी जाती है। इसलिए इस दिन विशेष बातों का ध्यान रखकर हम धन प्राप्ति कर सकते हैं।


इस दिन क्या करें खास शरद पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी ब्रह्ममुहूर्त में उठकर दैनिक कार्यों से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें उसके बाद अपने आराध्य देव को स्नान कराकर उन्हें आसन धारण करने होतु प्रार्थना करें। भगवान के आसन ग्रहण की प्रार्थना के बाद उनका पूजन करें उसके बाद गाय के दूध से बनी खीर में घी तथा शकर मिलाएं, मीठी पूरियों की रसोई सहित अर्द्धरात्रि के समय भगवान को भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद व्रत कथा सुनें लेकिन उसके पहले एक लोटे में जल तथा गिलास में गेहूं, पत्ते के दोने में रोली तथा चावल रखकर कलश की वंदना करके दक्षिणा चढ़ाएं। कलश स्थापना होने के बाद गेहूं के 13 दाने हाथ में लेकर ही कथा सुनें।
शरद पूर्णिमा के दिन खीर का भोग जरुर लगाएं
कथा सुनने के बाद गेहूं के गिलास पर हाथ फेरकर मिश्राणी के पांव का स्पर्श करके गेहूं का गिलास उन्हें दे दें। अंत में लोटे के जल से रात में चंद्रमा को अर्घ्य दें। लोगों में प्रसाद बांट दें। इस दिन चांद की रोशनी में सुई में धागा अवश्य पिरोएं। निरोग रहने के लिए पूर्ण चंद्रमा जब आकाश के मध्य में स्थित हो, तब उसका पूजन करें। रात को ही खीर से भरी थाली खुली चांदनी में रख दें, दूसरे दिन सबको उसका प्रसाद दें तथा स्वयं भी ग्रहण करें।(PB)