सूरत (योगेश मिश्रा) जीएसटी लागू होने के बाद से इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए गुहार लगा रहे कपड़ा उद्यमियों को गुरुवार को कपड़ा मंत्री और वित्त मंत्री से मुलाकात के बाद उम्मीद की किरण नजर आ रही है। जल्द ही वीवर्स को इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड मिलने की खबर आ सकती है। कपड़ा उद्यमियों का एक समूह गुरुवार को सासंद सी.आर. पाटिल के नेतृत्व में कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी और वित्त मंत्री पियूष गोयल से मिला। उद्यमियों ने दोनो मंत्रियों के समक्ष खुलकर कपड़ा उद्योग की व्यथा व्यक्त की। उद्यमियों का कहना था कि जीएसटी के कारण व्यापार आधा हो गया है।
सूरत के कपड़ा उद्योग में प्रतिदिन चार करोड़ मीटर कपड़ा बनता था, जो ढाई करोड़ मीटर पर सिमट गया है। एक लाख से अधिक लूम्स मशीन स्क्रेप हो गईं। छोटे वीवर्स बर्बाद हो रहे हैं और अन्य की हालत भी अच्छी नहीं है। वीवर्स को यार्न पर 12 प्रतिशत जीएसटी चुकाना पड़ता है। कपड़े पर पांच प्रतिशत जीएसटी से बाकी का जीएसटी शेष रह जाता है, जो टैक्स चुकाने में इस्तेमाल नहीं हो रहा है और सरकार उसका रिफंड भी नहीं दे रही है। सूरत के वीवर्स का लगभग 500 करोड़ रुपए का रिफंड अटका पड़ा है। वीवर्स को तो नुकसान हो ही रहा है, साथ ही कपड़ा उद्योग का नवीनीकरण भी रुक गया है।
यदि सरकार कपड़ा उद्यमियों की मांग पर गंभीरता से ध्यान नहीं देगी तो कारखाने बंद करने पड़ेंगे। रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अडिय़ा, सांसद सी.आर. पाटिल, कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, वित्त मंत्री पियूष गोयल और कपड़ा उद्यमियों के बीच तीन घंटे तक कपड़ा उद्योग की हालत पर चर्चा हुर्ई। अंत में कपड़ा उद्यमियों को आश्वासन मिला कि जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद उनकी शिकायत संभवत: दूर हो जाएगी। कपड़ा उद्यमियों की ओर से अशोक जीरावाला, संजय सरावगी, आशीष गुजराती, धीरू शाह तथा हरि कथीरिया सहित अन्य लोग शामिल थे।