बीकानेर । बीकानेर नगर स्थापना दिवस के कार्यक्रमों की श्रृंखला में राव बीकाजी संस्थान के तत्वावधान् में बीकानेर के श्रेष्ठ उस्ता चित्राकला के कलाकारों की नायाब कृतियों की भव्य प्रदर्शनी का शुभारम्भ महारानी सुदर्शन कला दीर्घा में हुआ।
प्रदर्शनी प्रभारी अजीज भुट्टा ने बताया कि शिवरतन अग्रवाल ‘फन्ना बाबू‘, अति.पुलिस अधीक्षक (नगर) देवेन्द्र कुमार बिश्नोई, अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मिनियेचर कलाकार महावीर स्वामी, दयानन्द पब्लिक स्कूल प्राचार्य अलका डॉली पाठक, बीकानेर व्यापार उद्योग मण्डल के सचिव कन्हैयालाल बोथरा एवं संरक्षक मण्डल सदस्य उमाशंकर आचार्य, कोषाध्यक्ष घनश्याम लखाणी, मक्खन लाल ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उल्लेखनीय है कि बीकानेर के 6 कलाकारों के बेहतरीन सृजन को प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी में अयूब उस्ता, मोहसिन उस्ता, अजमल उस्ता, रामकुमार भादाणी, शैफाली झाबक और हसन अली के चित्रों को शामिल किया गया है। शुभारम्भ अवसर पर आयोजित बैठक में राव बीकाजी संस्थान के कार्यक्रमों की श्रृंखला की जानकारी संचालक संजय पुरोहित ने दी। इस अवसर पर राव बीकाजी संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गिरिजा शंकर शर्मा, महामंत्राी विद्यासागर आचार्य, कोषाध्यक्ष रामलाल सोलंकी, संयोजक आनन्द वि आचार्य, कांता झाबक ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रदर्शनी प्रभारी अज़ीज़ भुट्टा ने बताया कि यह प्रदर्शनी आगामी 19 अप्रैल तक प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से रात्रि 08 बजे तक आम लोगों के अवलोकन के लिये खुली रहेगी।
वैविध्यमयी हैं बीकानेर की चित्राशैलियां : चोपडा
‘हर कृति अपने आप में अनूठी होती है। एक चित्राकार अपने मन की कल्पनाएं चित्रा के माध्यम से दर्शक के समक्ष उजागर करता है।
महापौर नारायण चोपडा ने राव बीकाजी संस्थान द्वारा नगर स्थापना दिवस समारोह की श्रृखला के तहत शुक्रवार को नरेन्द्र सिंह ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में ‘बीकानेर कला वैभव चित्राकारी’ विषय पर आयोजित सगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप बोलते हुए यह उद्गार व्यक्त किए। इस अवसर पर संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान राज्य अभिलेखाकार के निदेशक डॉ. महेन्द्र खडगावत ने कहा कि बीकानेर की चित्राकला की शैलियां एवं चित्राकारों ने नगर को निरन्तर गौरवान्वित किया। गोष्ठी के विषय प्रर्वतक के रूप में मुख्य वक्ता भवानीशंकर व्यास ‘विनोद’ ने कहा की बीकानेर में चित्राकला की विभिन्न शैलियों का क्रमिक ओर सतत विकास हुआ हैं। उन्होंने सभी शैलियों का विषद वर्णन देते हुए बीकानेर के विभिन्न कलाकारों का स्मरण किया।
अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मिनियेचर चित्राकार महावीर स्वामी ने कहा कि मुगल शासकों से बीकानेर के राजघरानों के सामीप्य को रेखांकित किया जा सकता है। उन्होंने लघु चित्राकला की बारीकियों एवं उनकी विशिष्टताओं के बारे में जानकारी दी। मूलर स्कूल ऑफ ड्राईंग के विशेषज्ञ पेन्टर भोजराज ने इस कला के विशिष्ठ इतिहास व वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला। उस्ता कला के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए लेखक समीक्षक श्री अशफाक कादरी ने कहा कि बीकानेर के कण-कण में उस्ता कला व्याप्त है। बीकानेर की गंगा-जमुनी तहजीब में समाई हुई उस्ता कला बीकानेर की पहचान है। उन्होंने उस्ता कला के आरम्भ से लेकर वर्तमान तक की सतत् यात्रा पर सूचनात्मक व ज्ञानवर्धक जानकारी दी।
फेबरिक चित्राकला पर बोलते हुए वरिष्ठ चित्राकार मुरलीमनोहर के. माथुर ने कहा कि इनमें मैथड़ व कलरिंग का विशेष प्रभाव रहता है। इस कला में डिजाइन के विस्तृत विकल्प रहते हैं। आधुनिक चित्राकला मॉर्डन आर्ट पर विशेषज्ञ युवा प्रतिभाशाली चित्राकार योगेन्द्र पुरोहित ने मूलर से प्रारम्भ करते हुए बीकानेर के आधुनिक कला के कलाकार कार्याें को रेखांकित किया। उन्होंने इंटरनेट के माध्यम से कला के विस्तृत प्रचार व प्रसार को एक सकारात्मक कदम बताया। मथेरण कला पर अपना शोध करने वाले राकेश किराडू ने इस कला के प्रादूर्भाव से लेकर वर्तमान स्थिति तक के बारे में विषद वर्णन प्रस्तुत किया। डॉ. किराडू ने बीकानेर की चित्राकला के इतिहास के महत्वपूर्ण सोपानों को रेखांकित किया।
इससे पहले अपने स्वागत उद्बोधन में राव बीकाजी संस्थान की ओर से अतिथियों का स्वागत करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने कहा कि यह गौरव की बात है कि संस्थान द्वारा नगर स्थापना दिवस के कार्यक्रमों में इस वर्ष इतने महत्वपूर्ण विषयांे को उठाया गया। कार्यक्रम प्रभारी व संयोजक आत्मा राम भाटी ने चित्राकला के इतिहास पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी के प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत डॉ गिरिजा शंकर शर्मा, विद्या सागर आचार्य, संजय पुरोहित, सरल विशारद ने किया। चित्राकला की विभिन्न शैलियों के विशेषज्ञों का स्वागत आनंद वी. आचार्य, नदीम अहमद नदीम, इरशाद अजीज ने किया। गोष्ठी में राजा राम स्वर्णकार, डॉ किरण नाहटा, बी.एल. नवीन, सरदार अली पड़िहार, मनीष जोशी, पृथ्वीराज रतनू, प्रमोद चमोली, पंडित शिवशंकर भादाणी, हरीश बी. शर्मा, राम लाल सोलंकी, ज्योति प्रकाश रंगा आदि मौजूद थे।
सुबह सजेंगे मेहंदी से हाथ, शाम को होगा गीत-गजल का साथ
नगर स्थापना दिवस के कार्यक्रमों की श्रृखला में कल दो कार्यक्रम आयोजित होंगे। मेंहंदी प्रतियोगिता के प्रभारी अजीज भुट्टा ने बताया कि महाराजा नरेन्द्र सिंह ऑडिटोरियम में सुबह 11 बजे मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन होगा। प्रतियोगिता से पूर्व शनिवार को प्रातः 10 बजे तक प्रतिभागी महिलाएं व युवतियां आयोजन स्थल पर अपना पंजीकरण करवा सकती है। मेहंदी कोन की व्यवस्था राव बीकाजी संस्थान की ओर से की जाएगी।
शनिवार की शाम पांच बजे नरेन्द्र सिह ऑडिटोरियम में ही काव्य सरिता का प्रवाह और गजल का सतरंगी स्वरूप निखरेगा। काव्य गोष्ठी और मुशायरे के प्रभारी इरशाद अजीज ने बताया कि हिंदी, राजस्थानी, उर्दू के वरिष्ठ और युवा रचनाकार अपनी रचनाओं को प्रस्तुत करेंगे। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. मो.हुसैन होंगे। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार भवानी शंकर व्यास ‘विनोद’ होंगे एवं अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मीनारायण रंगा करेंगे।
“चँदा उत्सव” में दिखेंगे विभिन्न संदेश
श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर विकास एवं पर्यावरण समिति द्वारा बीकानेर नगर के 528 वें स्थापना दिवस के उपलक्ष में कल सांय ’’चँदा उत्सव’’ का आयोजन श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर के सामने स्थित ’’गढ़ गणेश मंदिर परिसर’’ में किया जायेगा।
समिति के सचिव श्री सीताराम कच्छावा ने बताया कि इस अवसर पर परम्परागत गोल चँदो की प्रदर्शनी लगाई जायेगी तथा इन चँदों को रस्सी सहारे उड़ाया जायेगा।
शहर के सुप्रसिद्ध चँदा कलाकार ब्रजेश्वर व्यास, गणेश व्यास, किसन चन्द पुरोहित, मोहित पुरोहित, अनिल गौड़ा, कंवरलाल चौहान, पेन्टर धर्मा, अभिषेक बोड़ा तथा राम भादाणी आदि कलाकार अपने चँदों का प्रदर्शन करेंगे। इन चँदों में बीकानेर के राजाओं के इतिहास बाल-विवाह रोकने, श्री लक्ष्मीनाथ जी, कोटगेट आदि ऐतिहासिक स्थल, भ्रष्टाचार रोकने, बीकानेर की विभिन्न समस्याओं तथा पशु एवं पक्षी कू्ररता, अमृत जलम, फिल्मी सितारों के विभिन्न प्रसंग, बीकानेर की विभिन्न पगड़ियां और तथा समाज की कुरूतियों को दर्शाने वाले चँदों का प्रदर्शन किया जायेगा।
सांस्कृतिक संध्या का आयोजन 19 को
समिति के सचिव सीताराम कच्छावा ने बताया कि जिला प्रशासन तथा श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर विकास एवं पर्यावरण समिति द्वारा श्री लक्ष्मीनाथ परिसर में दिनांक 19 को भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जायेगा, जिसमें स्थानीय एवं देश-विदेश में धूम मचाने वाले राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर के 23 कलाकारों का दल अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुति देगा।