नई दिल्ली । भारतीय मुक्केबाज और ओलिंपिक ब्रॉन्ज मेडेल विजेता विजेंदर सिंह अब प्रोफेशनल बॉक्सर बन गए हैं। अब इस बात पर भी मुहर लग गई कि अब वो भारत के लिए नहीं खेलेंगे। आईओएस स्पोर्ट्स एंड इंटरटेनमेंट कम्पनी से जुड़े विजेंदर ने सोमवार को लंदन में क्वींसबरी प्रोमोशंस नाम की प्रोमोशन कम्पनी के साथ पेशेवर करार किया। इस करार के तहत विजेंदर को पांच साल में कम से कम छह मुकाबले लड़ने होंगे।
प्रो बॉक्सिंग में ऐमेच्योर बॉक्सिंग की अपेक्षा भारी भरकम इनामी राशि मिलती है। हाल ही में फ्लॉयड मेवेदर और पैकियाओ के बीच फाइट में हजारों करोड़ रुपए इनाम में मिले थे। इस बारे में बॉक्सिंग इंडिया के एक अधिकारी ने कहा, “विजेंदर ने ऐमच्योर बॉक्सिंग में बहुत कुछ हासिल किया है। हो सकता है कि वह रिटायरमेंट के बाद आर्थिक स्थिरता और अपना करियर जारी रखने के लिए विकल्प तलाश रहे हों। प्रोफेशनल बॉक्सिंग में वह अच्छा पैसा कमा सकते हैं और अगर वह फिट रहे तो पांच-छह साल फाइट कर सकते हैं।”
विजेंदर प्रो बॉक्सिंग चुनते ही वह देश की ओर से नहीं हिस्सा ले सकेंगे। खेल मंत्रालय के ‘टारगेट ओलिंपक 2016 पोडियम स्कीम’ का विजेंदर भी हिस्सा हैं। इस स्कीम के तहत 13 जुलाई से ट्रेनिंग भी शुरू होने वाली है। विजेंदर सिंह ने कॉमनवेल्थ गेम्स (3 मेडल), एशियन गेम्स (2 मेडल) के अलावा वर्ल्ड चैम्पियनशिप और ओलिपिंक में एक-एक मेडल जीता है। वह भारत की ओर से सबसे सफल बॉक्सर रहे हैं। 2009 में उन्हें दुनिया का नंबर एक मिडिलवेट बॉक्सर (75 किलोग्राम वर्ग) घोषित किया गया था।