जयपुर। राज्य में बढ़ रही महिलाओं पर अपराधिक वारदातों पर लगाम लगाने के लिए और समय पर निस्तारण के लिए गृह विभाग ने पुलिस विभाग को 45 दिन में निस्तारण करना होगा इसको लेकर आदेश जारी कर दिए गए है। इसके अलावा इन मुकदमों पर नजर रेंजो में तैनात किए गए अतिरक्त पुलिस महानिदेशक रखेगे और हर माह राज्य सरकार को रिपोर्ट पेश करेगे।
पुलिस मुख्यालय के अनुसार राज्य में साल दर साल महिलाओं पर उत्पीडऩ ज्यादत्ती,सामूहिक ज्यादत्ती,छेड़छाड़,मारपीट और घेरूली हिंसा के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। इन मामलों में कमी लाने के लिए राज्य सरकार ने पुलिस के साथ मिलकर सब तरह के कदम उठा लिए है।
लेकिन आज तक आशा के अनुरुप परिणाम नही आए है। परिणाम लाने के लिए हर जिले में अलग से महिला थाने तक खोल दिए लेकिन उसके बावजूद कुछ नही हो रहा है। इन सब बातों का ध्यान में रखते हुए रेंजो के ऊपर तैनात किए गए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों ने जिले वार आकड़े मंगवाकर पेश कर किया जिसमेंं दर्ज होने वाले मुकदमों की संख्या तीन गुना से ज्यादा है।
इन सभी बातों का ध्यान में रखते हुए पिछले सप्ताह गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने मिटिंग ली जिसके बाद गृह विभाग ने पुलिस विभाग को आदेश दिया कि जिनते भी महिलाओं के खिलाफ मुकदमें दर्ज हो उनकी 45 दिन में निस्तारण करके जांच अधिकारी पुलिस अधीक्षक के जरिए एडीजीपी को भेजेगे उसके बाद महिला थाने में तैनात थानाधिकारी से लेकर कांस्टेबल के एसीआर भरी जाएगी। इस आदेश के बाद अभी तो पुलिस दिसम्बर माह में ज्यादा से ज्यादा निस्तारण कर रही है।
लेकिन अगले साल से महिलाओं के दर्ज होने वाले मुकदमों का तय सयय सीमा में निस्तारण होगा इसको लेकर सारी तैयारिया कर ली है। वही पर पुलिस अधीक्षक को निर्दश दिए गए हैकि जिसे थाने इलाके में महिलाओं के मुकदमें दर्ज हो उसको महिला थाने या संबधित थाने में सुविधा के हिसाब से रखकर जांच की जा सकेगी।
“महिलाओं से जुड़े मुकदमों को 45 दिनों में निस्तारण होगा इसको लेेकर गाइड लाईन जारी कर दी गई है। इससे अच्छे परिणाम आएगे ” – पंकज कुमार सिंह (एडीजीपी , अपराध)