23rd Camel Festival Opening Ceremony
23rd Camel Festival Opening Ceremony
दो दिवसीय 23वें अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव का रंगारंग आगाज़

बीकानेर। ‘ढोल-नगाड़ों की थाप पर ठुमक-ठुमक नाचता रेगिस्तान का जहाज, वहीं दूसरी ओर से आते ऊंटों पर बैठे रोबीलों का तलवार हवा में घूमाकर और मूंछों को ताव देकर अभिवादन करना, राजस्थानी संस्कृति में रंगे देशी-विदेशी मेहमान और इन अविस्मरणीय पलों को कैमरों में कैद करने की होड़।’
ऐसे कईं दृश्य देखने को मिले पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा सादुल क्लब मैदान में आयोजित 23वें अंतर्राष्ट्रीय ऊंट महोत्सव के पहले दिन शुक्रवार को। ढोल की थाप और शंख की मंगलध्वनि के बीच जिला कलक्टर पूनम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल जे.के.शर्मा, एसबीबीजे के मुख्य महाप्रबंधक वेंकटरमन एस. और उपमहाप्रबंधक प्रमोद कुमार सिंगारिया ने शांति के प्रतीक सफेद कपोत और रंग-बिरंगे गुब्बारे हवा में छोड़कर उत्सव का शुभारम्भ किया। इससे पहले जिला कलक्टर पूनम ने ऊंट उत्सव की शोभायात्रा को ऐतिहासिक जूनागढ से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। विभिन्न मार्गों से होती हुई यह शोभायात्रा जब सार्दुल क्लब मैदान पहुंची तो इसने राजस्थानी संस्कृति का साक्षात चित्रण प्रस्तुत कर दिया।
शोभायात्रा में अनूपगढ़ के सुप्रसिद्ध शंख एवं मशकवादक मंगलाराम भील ने देशी-विदेशी पर्यटकों का मन मोहा तो राजस्थान के पारम्परिक वाद्य यंत्रों, सजे-धजे ऊंट, पारम्परिक वेशभूषा में सिर पर मंगलकलश धारण किए महिलाएं और रोबीलों के साथ ऊंट के परिवहन, हल जोतने और बोझा ढोने सहित अनेक उपयोगों की जीवंत झाकियां देखने को मिलीं। शोभायात्रा में, कालबेलिया, गैर और गरबा जैसे लोकनृत्यों ने बहुरंगी संस्कृति को साकार किया। वहीं एसबीबीजे की ‘मोबाइल कैमल बैंक’ से विदेशी मुद्रा का विनिमय आसानी से हो सका।
आकर्षण का केन्द्र रही ‘कैमल फेस्टिवल राइड’
शोभायात्रा में हार्ले डेविल्सन, रॉयल इनफील्ड, केटीएम और कावासाकी निंजा जैसी मोटरसाइकिलें भी आकर्षण का केन्द्र रहीं। ऊंट उत्सव के प्रचार-प्रसार के लिए निकले राजस्थान रॉयल मोटरसाइक्लिंग क्लब के लगभग तीस मोटरसाइकिल सवारों की ‘कैमल फेस्टिवल राइड’ जब डॉ. विक्रम तंवर के नेतृत्व में मुख्य मंच की ओर पहुंची तो दर्शकों ने तालियांे के साथ इसका अभिवादन किया।
‘वंडर! इट्स सो रेयर’
शुभारम्भ समारोह का मुख्य आकर्षण ऊंट नृत्य रहा। मालिक के इशारों पर कदमताल करते ऊंट की अभिवादन मुद्राओं, तीन टांगों पर नृत्य को देखकर विदेशी दर्शक झूम उठे, वहीं जब ऊंट ने अपना पैर, मैदान पर सो रहे मालिक के सिर और छाती पर रख दिया तो, एकबारगी सन्नाटा छा गया। वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर अभिवादन किया तो एक पर्यटक के मुंह से अनायास ही निकल गया, ‘वंडर ! इट्स सो रेयर’।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर, प्रशिक्षु आइएएस शुभम चौधरी, अतिरिक्त कलक्टर (नगर) एस.के. नवल, अतिरिक्त आयुक्त (आबकारी) पी.सी. मावर, नगर विकास न्यास सचिव अजय असवाल, पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक अजय शर्मा, कर्नल हेमसिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं देशी-विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरोहित, किशोर सिंह राजपुरोहित, रविन्द्र हर्ष और ज्योति प्रकाश रंगा ने किया।

स्वर्गीय भंवर लाल कोठारी स्मृति कार्यशाला के बैनर का विमोचन
बीकानेर । राजस्थान गौ सेवा संघ और पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान् में गौसेवी और नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय भंवरलाल कोठारी की स्मृति मंे कार्यशाला का आयोजन 13 जनवरी को किया जाएगा। इस कार्यशाला से संबंधित बैनर का विमोचन शनिवार को वेटरनरी कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. त्रिभुवन शर्मा, राजूवास के कुलसचिव प्रेमसुख बिश्नोई, शरह नत्थानियां गोचर विकास समिति के अध्यक्ष बृजरतन किराड़ू ने किया।
आयोजन प्रभारी तथा योग शिक्षक विनोद जोशी ने बताया कि बीकानेर जिला उद्योग सघ कार्यालय मे प्रातः 11ः30 बजे आयोजित होने वाली कार्यशाला में ‘ग्राम स्वावलम्बन एवं गौधन विकास में स्व. भंवरलाल कोठारी का योगदान’ विषय पर विद्व्जनों के संभाषण होंगे। कार्यशाला के मुख्य वक्ता के रूप में शिवबाड़ी मंदिर के अधिष्ठाता संवित् सोमगिरि महाराज, राजस्थान गौसेवा संघ अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह भंडारी, वेटरनरी कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. त्रिभुवन शर्मा, राजुवास के प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश धूड़िया सहित फूसराज छलानी, नरोत्तम व्यास और गौसेवी बृजरतन किराड़ू मुख्य वक्ता होंगे।