नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान एक बार फिर 800 वर्ष पुराने दुनिया के सबसे बड़े हीरे कोहिनूर की वापसी की मांग उठने लगी है। इंडियन उद्योगपतियों और अभिनेताओं की एक लॉबी कोहिनूर हीरा भारत को वापस करने की मांग करते हुए महारानी एलिजाबेथ को कानूनी चुनौती देने की तैयारी कर रहा है।
कोहिनूर फिलहाल एलिजाबेथ की मां के मुकुट में सजा है और लोगों के देखने के लिए टावर ऑफ लंदन में रखा है। 1973 में जब किंग जॉर्ज षष्ठम का राज्याभिषेक हो रहा था। माना जाना है कि करीब 800 साल पहले 105 कैरेट का यह हीरा भारत के खादान से निकला था और अंग्रेजी राज के दौरान इसे तत्कालीन महारानी विक्टोरिया को भेंट में दिया गया।
फिलहाल यह एलिजाबेथ की मां के मुकुट में सजा हुआ है और लोगों के देखने के लिए ‘टावर ऑफ लंदन’ में रखा गया है। भारतीय समूह ‘टिटोज’ के सह-संस्थापक डेविड डीसूजा इस नयी कानूनी कार्रवाई में वित्तिय मदद कर रहे हैं और उन्होंने ब्रिटिश वकीलों को उच्च न्यायालय में सुनवायी की कार्यवाही शुरू करने को कहा है।
डीसूजा ने ‘संडे टेलीग्राफ’ को बताया कि भारत से संदिग्ध परिस्थितियों में लाई गई विभिन्न कलाकृतियों में से कोहिनूर भी एक है। उपनिवेशवाद ने ना सिर्फ हमारे लोगों से धन लूटा, बल्कि उनकी आत्मा को भी चोट पहुंचाई।
उन्होंने कहा कि इसने समाज के साथ क्रूरता की, जिसका अंश अभी भी बहुसंख्यक गरीबी, शिक्षा की कमी और अन्य बातों में देखने को मिलता है। यह कानूनी कार्रवाई ऐसे वक्त में शुरू हो रही है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्रिटेन के आधिकारिक दौरे पर आने वाले हैं। इस दौरान वे महारानी विक्टोरिया की ओर से बकिंघम पैलेस में आयोजित दोपहर के भोजन में भी शामिल होंगे।