डरबन । नरेंद्र मोदी शनिवार को डरबन से पीटरमेरित्जबर्ग के बीच ऐतिहासिक स्टेशन पहुंचे। पीटरमेरित्जबर्ग वही स्टेशन है, जहां महात्मा गांधी को अपमान झेलना पड़ा था। यहीं वे नस्लभेद के शिकार हुए थे। उन्हें फर्स्ट क्लास से उतार दिया गया था। मोदी ने इस स्टेशन पर उस वेटिंग हॉल में एग्जीबिशन का इनॉग्रेशन किया, जहां गांधीजी ने एक रात गुजारी थी। बता दें कि मोदी चार अफ्रीकी देशों के दौरे पर हैं। साउथ अफ्रीका से देर शाम वो तंजानिया के लिए रवाना होंगे और इसके बाद केन्या जाएंगे।
पीटरमेरित्जबर्ग स्टेशन पर ट्रेन से उतरने के बाद मोदी ने अपने इस सफर को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा, ”इस स्टेशन पर ट्रेन से सफर करना मेरे लिए लिए सौभाग्य की बात है।”
मोदी ने अफ्रीका दौरे को लेकर कहा, ”मुझे उन तीनों जगहों पर जाने का मौका मिला, जो महात्मा गांधी के जीवन में और भारत की आजादी में यादगार हैं।” उन्होंने कहा, ”महात्मा गांधी 21 साल तक इस धरती पर रहे। यहां समानता के लिए संघर्ष करते हुए यातनाएं झेलते रहे।” पीटरमेरित्जबर्ग स्टेशन पर ही 1893 में महात्मा गांधी को रंगभेद का शिकार होना पड़ा था। महात्मा गांधी फर्स्ट क्लास में सवार थे, जहां से उन्हें काला रंग होने के चलते उतरने को कहा गया था। गांधी ने जब इससे इनकर किया तो उन्हें ब्लैक इंडियन कहकर ट्रेन से बाहर कर दिया गया था।
इंडियन कम्युनिटी को किया एड्रेस
इससे पहले मोदी ने डरबन में के टिकेटप्रो डोम में इंडियन कम्युनिटी को एड्रेस किया था। जोहानिसबर्ग में मोदी नेल्सन मंडेला फाउंडेशन भी गए। साथ ही, रंगभेद के खिलाफ मूवमेंट में शामिल होने वाले लोगों से भी मिले। इससे पहले मोदी कॉन्स्टिट्यूशन हिल भी गए, जो पहले जेल हुआ करती थी। यहां महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला को भी रखा गया था।
10 जुलाई को मोदी तंजानिया पहुंचेंगे। यहां प्रेसिडेंट जॉन पोंबे जोसेफ मागुफुली के साथ बाइलेटरल डिस्कशन करेंगे। इसमें कुछ एग्रीमेंट्स पर साइन होंगे। यहां मोदी सोलर एनर्जी के दिग्गजों के एक ग्रुप से मुलाकात करेंगे। तंजानिया भी भारत की अगुआई वाले इंटरनेशनल सोलर अलाइंस का मेंबर है। भारत देखना चाहता है कि सोलर एनर्जी के सेक्टर में इन देशों से किस तरह की मदद ली जा सकती है।11 जुलाई को मोदी केन्या की राजधानी नैरोबी पहुंचेंगे। इस पूर्वी अफ्रीकी देश में 35 साल में किसी भारतीय पीएम का यह पहला दौरा होगा। इससे पहले 1981 में इंदिरा गांधी यहां आई थीं।
मोदी नैरोबी यूनिवर्सिटी भी जाएंगे। यहां वे स्टूडेंट्स को एड्रेस करेंगे। चार अफ्रीकी देशों की यात्रा की दूसरी वजह भारत की मैरीटाइम सिक्युरिटी भी है। दरअसल भारत का ज्यादातर समुद्री व्यापार इन देशों की समुद्री सीमा से ही होता है।