भाजपा पर ‘द कश्मीर फाइल्स’ के जरिए प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप गलत

लोग आज भी ऐसी कई ऐतिहासिक घटनाओं से अनजान हैं

नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वयोवृद्ध दिग्गज नेता डा. मुरली मनोहर जोशी ने फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' के जरिए प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे कई राजनीतिक दल जो अब विपक्ष में हैं, ने 1990 में कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार के खिलाफ कभी आवाज नहीं उठाई। जोशी ने बताया कि कश्मीर हिंसा के वह गवाह रहे हैं। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष डा. जोशी ने कहा कि कश्मीर हिंसा जब हुई, तब मैं एक चश्मदीद गवाह था। मैं मध्य प्रदेश के नेताओं केदारनाथ साहनी और आरिफ बेग के साथ कश्मीर गया। हमने कश्मीर के हालात पर रिपोर्ट तैयार की और उसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को सौंपा। हमारी टीम कश्मीर हिंसा के शिकार लोगों से मिली थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा।

हिटलर का किया व सोहराबजी के वक्त का नरसंहार भी नहीं दिखाया गया
डा. जोशी ने कहा कि हमें इस बात पर भी हैरानी हुई कि सरकार उनका रेस्क्यू कर रही थी। यह गलत है कि लोग भाजपा पर फिल्म के जरिए अफवाल फैलाने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग आज भी ऐसी कई ऐतिहासिक घटनाओं से अनजान हैं, जिससे अतीत का निष्पक्ष ज्ञान होता है। उन्होंने कहा कि सोहराबजी के समय में जो नरसंहार हुआ था, उसे लोगों के सामने क्यों नहीं पेश किया जा रहा है? हिटलर ने जो किया है वह भी लोगों को नहीं दिखाया गया है। यूक्रेन संकट लोगों के सामने पेश किया जा रहा है। ऐसी घटनाएं हर दिन होती हैं।
ऐतिहासिक घटनाओं से लेना चाहिए सबक
भाजपा के अध्यक्ष रहे दिग्गज नेता जोड़ी ने जोर देकर कहा कि लोगों को भविष्य में ऐसी घटनाओं के दोहराव से बचने के लिए ऐतिहासिक घटनाओं से सबक लेना चाहिए। बता दें कि विवेक अग्निहोत्री निर्देशित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। फिल्म में कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा को दिखाया गया है, जिन्हें 1990 के दशक में आतंकवाद से बचने के लिए घाटी से भागना पड़ा था।